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हरियाली तीज व्रत 2025: नियम और तैयारी

हरियाली तीज व्रत 2025 में 27 जुलाई को मनाया जाएगा। यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें वे अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए उपवास करती हैं। इस लेख में व्रत के नियम, पूजा की तैयारी और पारंपरिक महत्व के बारे में जानकारी दी गई है। जानें कैसे करें व्रत और किन बातों का ध्यान रखें ताकि आपका व्रत सफल और पुण्यदायक हो।
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हरियाली तीज व्रत 2025: नियम और तैयारी

हरियाली तीज व्रत के नियम 2025

हरियाली तीज व्रत के नियम 2025: हरियाली तीज का व्रत केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह एक अनुशासन है जो विवाहित महिलाओं को मानसिक, आध्यात्मिक और पारिवारिक रूप से जोड़ता है।


इस वर्ष, हरियाली तीज 27 जुलाई, रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन, महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखद जीवन के लिए व्रत रखेंगी।


यदि आप पहली बार तीज का व्रत रख रही हैं या हर बार कुछ नया सीखना चाहती हैं, तो यह लेख आपके लिए विशेष रूप से लिखा गया है। यहां व्रत से जुड़े महत्वपूर्ण नियम, पूजा की तैयारी और पारंपरिक महत्व के बारे में जानें, ताकि आपका व्रत सफल और पुण्यदायक हो।


हरियाली तीज व्रत के प्रकार: निर्जला और फलाहारी

हरियाली तीज का व्रत दो प्रकार से किया जाता है: निर्जला और फलाहारी।


निर्जला व्रत में महिलाएं पूरे दिन बिना पानी के उपवास करती हैं, जिसे सबसे कठिन और पुण्यदायक माना जाता है। मान्यता है कि यदि इस दौरान एक बूंद भी पानी पी लिया जाए, तो व्रत टूट जाता है।


फलाहारी व्रत उन महिलाओं के लिए है जो स्वास्थ्य कारणों से निर्जला व्रत नहीं रख सकतीं। वे फल या दूध का सेवन करके उपवास करती हैं।


हालांकि, दोनों व्रत का उद्देश्य एक ही है: पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख।


व्रत से पहले की तैयारी और परंपराएं

हरियाली तीज व्रत की पवित्रता पूजा से एक दिन पहले से शुरू होती है।


मेंहदी लगाना: तीज के एक दिन पहले मेहंदी लगाने की परंपरा है, जिसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।


श्रृंगार का महत्व: सोलह श्रृंगार के साथ पूजा करना अनिवार्य है, जिसमें हरी चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, आलता, कंघी आदि शामिल होते हैं।


कपड़ों का रंग: हरे रंग को हरियाली तीज का प्रतीक माना जाता है। इस दिन हरी साड़ी या सूट पहनना शुभ होता है, जो जीवन, उर्वरता और समृद्धि का संकेत है।


गलतियों से बचें

हरियाली तीज व्रत में कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है:


मंगलवार को खरीदारी से बचें: व्रत की सामग्री मंगलवार को खरीदना अशुभ माना जाता है, जिससे व्रत के फल में कमी आ सकती है।


व्रत के दिन दूध का सेवन न करें: इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा में दूध से अभिषेक किया जाता है, इसलिए स्वयं दूध का सेवन वर्जित है।


चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले पारण न करें: व्रत का पारण तब ही किया जाता है जब चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाए, जिससे व्रत की पूर्णता मानी जाती है।


व्रत के पारण की विधि

हरियाली तीज का व्रत पारण यानी व्रत खोलने की प्रक्रिया भी महत्वपूर्ण होती है। जब चंद्रमा निकलता है, तब महिलाएं उसे अर्घ्य देती हैं। इसके बाद फल, मिठाई या जल से व्रत का पारण किया जाता है। ध्यान रखें कि दूध का सेवन न करें और पारण भी सात्विक भोजन से करें।


हरियाली तीज व्रत के नियम हर महिला के लिए जानना आवश्यक है जो 27 जुलाई 2025 को यह व्रत रख रही हैं। यह व्रत निर्जला या फलाहार दोनों प्रकार से किया जा सकता है। पूजा से पहले मेहंदी लगाना, हरे कपड़े पहनना और सोलह श्रृंगार करना शुभ माना जाता है। मंगलवार को व्रत का सामान खरीदना वर्जित है और पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही किया जाना चाहिए। व्रत के दौरान दूध का सेवन भी वर्जित होता है।