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हिमाचल प्रदेश में निजी स्कूलों में भी फेल होने का नियम लागू

हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत सभी निजी स्कूलों में पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए फेल होने की व्यवस्था लागू की गई है। यह कदम केंद्र सरकार द्वारा संशोधित RTE अधिनियम के तहत संभव हुआ है। छात्रों को परीक्षा में असफल होने पर एक और अवसर दिया जाएगा, लेकिन यदि वे फिर भी न्यूनतम अंक प्राप्त नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें अगली कक्षा में नहीं भेजा जाएगा। जानें इस नई व्यवस्था के बारे में और इसके प्रभावों के बारे में।
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हिमाचल प्रदेश में निजी स्कूलों में भी फेल होने का नियम लागू

निजी स्कूलों में फेल होने की नई व्यवस्था

शिमला - हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के सभी निजी स्कूलों में पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए फेल होने की व्यवस्था लागू कर दी है। अब, यदि छात्रों के अंक कम होते हैं, तो उन्हें परीक्षा में असफल माना जाएगा। यह कदम केंद्र सरकार द्वारा दिसंबर 2024 में संशोधित निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 के तहत संभव हुआ है।


पुनः परीक्षा का अवसर

एक और मौका मिलेगा पास होने का
नई व्यवस्था के अनुसार, जो छात्र परीक्षा में असफल होते हैं, उन्हें आवश्यक अंक प्राप्त करने के लिए एक और अवसर दिया जाएगा। यदि वे दूसरी बार भी न्यूनतम अंक नहीं प्राप्त कर पाते हैं, तो उन्हें फेल घोषित कर दिया जाएगा और अगली कक्षा में नहीं भेजा जाएगा।


समयसीमा का निर्धारण

शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में समयसीमा तय
स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों में यह नियम दिसंबर 2025 की परीक्षाओं से लागू होगा, जबकि ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूलों में यह प्रावधान मई 2026 की परीक्षाओं में लागू होगा।


सरकारी स्कूलों में पहले से लागू

सरकारी स्कूलों में पहले से ही लागू थी व्यवस्था
यह प्रणाली सरकारी स्कूलों में पिछले वर्ष से लागू है, और अब निजी स्कूल भी इसी प्रणाली का पालन करेंगे।


उत्तीर्ण होने के लिए मानक

पास होने के लिए दो शर्तें अनिवार्य
संशोधित अधिनियम के अनुसार, छात्रों को उत्तीर्ण घोषित करने के लिए दो मानक पूरे करना आवश्यक होगा: समग्र रूप से कम से कम 33% अंक प्राप्त करना और एसए-1 तथा एसए-2 के प्रत्येक विषय में न्यूनतम 33% अंक लाना अनिवार्य होगा। स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने नई व्यवस्था लागू करने के लिए सभी जिलों को विस्तृत दिशा-निर्देश भेज दिए हैं।