हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से आई बाढ़ ने मचाई तबाही

प्राकृतिक आपदा का सामना
हिमाचल प्रदेश इस समय प्रकृति के विकराल रूप का सामना कर रहा है। शिमला और लाहौल-स्पीति जिलों में बुधवार से लगातार हो रही बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। इस आपदा के चलते कई महत्वपूर्ण पुल बह गए हैं और दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 300 से अधिक सड़कें यातायात के लिए पूरी तरह से बंद हो गई हैं। इससे राज्य के कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ है और संपर्क मार्ग कट गए हैं।शिमला और लाहौल-स्पीति में विनाशकारी दृश्य
जानकारी के अनुसार, शिमला जिले में गानवी रावी के पास एक पुलिस चौकी बाढ़ में बह गई। इसके अलावा, भारी बारिश के कारण शिमला में एक बस स्टैंड और उसके आसपास की दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है। दो महत्वपूर्ण पुलों के बह जाने से कूट और क्याव पंचायतें पूरी तरह से कट गई हैं।
लाहौल-स्पीति जिले में स्थिति और भी गंभीर है। मयाड़ घाटी के करपट, चांगुत और उदगोस नाला में बादल फटने से आई बाढ़ ने दो और पुलों को बहा दिया। इन घटनाओं के कारण करपट गांव पर भी खतरा मंडरा रहा है, जिसके चलते वहां के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। एक स्थानीय निवासी रंजीत लाहाउली ने बताया कि करीब दस बीघा कृषि भूमि भी इस बाढ़ की चपेट में आ गई है, और राहत कार्य जारी हैं।
300 से अधिक सड़कें और दो राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित
राज्यभर में भूस्खलन और बाढ़ के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 325 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। इन बाधित सड़कों में मंडी जिले में 179 और कुल्लू जिले में 71 सड़कें शामिल हैं। सड़कों के बंद होने से सामान्य यातायात के साथ-साथ आवश्यक सेवाओं की आवाजाही में भी बाधा उत्पन्न हो रही है।
राहत कार्य जारी, जानमाल की कोई सूचना नहीं
प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है। हालांकि, राहत की बात यह है कि अब तक किसी भी प्रकार की जनहानि की कोई सूचना नहीं है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है और आवश्यक सामग्री पहुंचाई जा रही है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे प्रशासन और भी सतर्क हो गया है।