हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से मची तबाही: जानें क्या हुआ?

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा का कहर
Himachal Cloudburst: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से प्राकृतिक आपदा ने दस्तक दी है। लाहौल घाटी में तीन स्थानों पर बादल फटने और लगातार हो रही भारी बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है। अब तक इस आपदा में लगभग 170 लोगों की जान जा चुकी है, और कई सड़कें भी बंद हो गई हैं। किरतपुर-मनाली फोरलेन समेत कई प्रमुख मार्ग चट्टानों के गिरने के कारण बाधित हो गए हैं।
बाढ़ और मलबे का कहर
राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़ और मलबा गांवों तक पहुंच चुका है, जिससे स्थानीय निवासियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और अधिक वर्षा की चेतावनी दी है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है और संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
लाहौल घाटी में बादल फटने की घटनाएं
शुक्रवार को लाहौल घाटी के तिंदी, यांगला और जिस्पा में बादल फटने की घटनाएं हुईं। तिंदी के पास पूहरे नाले में अचानक बाढ़ आने से एक वाहन मलबे में फंस गया, लेकिन चालक ने भागकर अपनी जान बचा ली। इस कारण उदयपुर-किलाड़ मार्ग बंद हो गया, जिसे बीआरओ ने शाम को बहाल कर दिया।
यांगला घाटी में तेज बहाव के कारण किसानों के खेतों में मलबा भर गया, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ। स्थानीय लोगों ने समय रहते भागकर अपनी जान बचाई।
लाहौल के जिस्पा में भी बादल फटने की घटना हुई। सौभाग्यवश वाहन चालकों ने सतर्कता दिखाते हुए जान बचाई, लेकिन सड़क तीन घंटे तक बाधित रही।
भूस्खलन से नुकसान
कांगड़ा जिले के शाहपुर तहसील में मूसलधार बारिश के चलते सात पशुशालाएं और दो मकान ढह गए। सारना पंचायत में भूस्खलन के कारण आठ कमरों का एक मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
गांवों को खाली कराया गया
हरिपुर तहसील के गुलेर गांव में 76 वर्षीय कमल किशोर की ढांक से गिरने के कारण मौत हो गई। चंबा जिले के कुरेणा पंचायत के गुणू गांव में भूस्खलन के खतरे को देखते हुए आठ घरों को खाली कराया गया है। चुराह के भुलीण गांव में भी प्रशासन ने सात घरों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है।
भरमौर से चंबा आ रही एक निजी बस पर लूना क्षेत्र में चट्टानें गिर गईं। बस चालक ने सूझबूझ से स्थिति को संभाला, जिससे बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, पत्थर बस की छत तोड़ते हुए अंदर घुस गए, उस समय बस में 20 यात्री सवार थे।
किरतपुर-मनाली मार्ग पर बाधा
जिला चंबा की बाजोली-होली और ग्रीनको बुधिल जल विद्युत परियोजना को सुरक्षा कारणों से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। किरतपुर-मनाली फोरलेन पर मंडी के पंडोह और बिलासपुर के समलेटू में भूस्खलन से मार्ग करीब नौ घंटे तक बाधित रहा। सैकड़ों वाहन दोनों ओर फंसे रहे। शनिवार को एक बार फिर मलबा गिरने से मार्ग बंद हो गया।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगस्त में लाहौल-स्पीति, किन्नौर और चंबा में सामान्य से कम वर्षा की संभावना जताई है, जबकि अन्य जिलों में सामान्य वर्षा का अनुमान है। दो अगस्त को मंडी, बिलासपुर, सोलन, शिमला और सिरमौर में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।