हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर: 135 लोगों की जान गई, राहत कार्य जारी

हिमाचल प्रदेश में बारिश से तबाही
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, प्राकृतिक आपदाओं के कारण अब तक 135 लोगों की जान जा चुकी है, और सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं।
भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं
जून 20 से अब तक राज्य में 25 भूस्खलन, 40 फ्लैश फ्लड और 23 क्लाउडबर्स्ट की घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं ने न केवल मानव जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि जानवरों और सार्वजनिक संपत्ति को भी गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
VIDEO | Himachal Pradesh: Several houses near Khurik and Rangrik in Spiti Valley were damaged in a flash flood; the administration and BRO have deployed teams.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 22, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/cOdDXscZIa
मौतों की संख्या में वृद्धि
अब तक 135 लोगों की मौत
SDMA की 22 जुलाई, 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, बारिश से संबंधित घटनाओं में 76 लोगों की मौत हुई है, जबकि सड़क दुर्घटनाओं में 59 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र
मंडी, कांगड़ा, कुल्लू और चंबा सबसे ज्यादा प्रभावित
जानमाल का सबसे अधिक नुकसान मंडी (17 मौतें), कांगड़ा (16), कुल्लू (8) और चंबा (7) जिलों में हुआ है। कांगड़ा में फ्लैश फ्लड, मंडी में बादल फटना, और शिमला-सोलन में भूस्खलन के कारण कई घर और पुल बह गए हैं। इसके साथ ही कृषि भूमि, पशु शेड और सड़क नेटवर्क भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
आर्थिक संकट
540 घर पूरी तरह बर्बाद
राज्य में अब तक 540 घर पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए हैं। इसके अलावा, 1,296 मवेशियों और 21,500 मुर्गियों की मौत भी हुई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।
सड़कें और जलापूर्ति प्रभावित
432 सड़कें बंद
राज्य के विभिन्न जिलों में 432 सड़कें अब भी बंद हैं, जबकि 534 पावर ट्रांसफार्मर भी ठप पड़े हैं। 197 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे लोगों को पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
रेस्क्यू और राहत कार्य
रेस्क्यू और राहत कार्य तेज
NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से राहत और बचाव कार्य जारी हैं। प्रभावित लोगों के लिए कई राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। मृतकों के परिजनों और बेघर लोगों को मुआवजा राशि वितरित की जा रही है। SDMA ने आम जनता से अपील की है कि वे भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें और मौसम की चेतावनियों का पालन करें।