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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से 171 लोगों की जान गई

हिमाचल प्रदेश में एक अप्रैल से 16 जुलाई के बीच हुई भारी बारिश ने 171 लोगों की जान ले ली है। आंध्र प्रदेश के बाद यह संख्या देश में दूसरी सबसे अधिक है। बारिश के कारण 23,818 मवेशी भी मारे गए और 1,528 घर क्षतिग्रस्त हुए। जानें इस आपदा के अन्य प्रभावों के बारे में और राज्य सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में।
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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से 171 लोगों की जान गई

हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर

शिमला: देशभर में एक अप्रैल से 16 जुलाई के बीच हुई भारी वर्षा ने हिमाचल प्रदेश में 171 लोगों की जान ले ली है। इस अवधि में बारिश से होने वाली मौतों के मामले में हिमाचल प्रदेश आंध्र प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है, जहां इसी समय में 258 मौतें हुईं। यह जानकारी गृहमंत्रालय ने दी है।


यह आंकड़ा आज लोकसभा में सांसदों सुधीर गुप्ता, मनीष जायसवाल, धैर्यशील संभाजीराव माने और चव्हाण रवींद्र वसंतराव के प्रश्न के उत्तर में प्रस्तुत किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, 171 लोगों की मौत के अलावा 23,818 मवेशी भी मारे गए, जो कि देश में सबसे अधिक है। राज्य में बारिश के कारण कुल 1,528 घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। देशभर में बारिश के कारण 51,699 मवेशियों की मौत हुई, जिसमें हिमाचल प्रदेश का हिस्सा 46.1 प्रतिशत है।


आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश में 148 लोगों की जान गई। इसके बाद बिहार में 101 और कर्नाटक में 89 लोगों की मौत हुई। देशभर में कुल 1,297 लोगों की जान गई। पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर में 33 और पंजाब में 24 लोगों की मौत हुई। बारिश के कारण देशभर में कुल 92,663 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें सबसे अधिक 39,810 घर असम में प्रभावित हुए।


इसके अतिरिक्त, देशभर में 1.54 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद हुईं, जिसमें सबसे अधिक नुकसान महाराष्ट्र में 91,429 हेक्टेयर, उसके बाद असम में 29,714.89 हेक्टेयर और कर्नाटक में 18,097 हेक्टेयर में हुआ। पंजाब में भी 3,569.11 हेक्टेयर से अधिक फसलों को नुकसान पहुंचा। हिमाचल प्रदेश के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) का गठन किया गया है, ताकि राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया जा सके और अचानक आई बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन किया जा सके।