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हिमाचल हाईकोर्ट में राजवीर जवंदा की मौत का मामला, सरकार से पूछे गए सवाल

पंजाबी गायक राजवीर जवंदा की सड़क दुर्घटना में मौत के मामले ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का ध्यान आकर्षित किया है। एडवोकेट नवकिरन सिंह ने जनहित याचिका दायर कर सरकार से सवाल उठाए हैं कि काउ सेस के नाम पर वसूले गए करोड़ों रुपये का उपयोग कैसे किया गया। अदालत ने सरकार को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। क्या सरकार बेसहारा पशुओं के प्रबंधन में लापरवाह है? जानें पूरी कहानी।
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हिमाचल हाईकोर्ट में राजवीर जवंदा की मौत का मामला, सरकार से पूछे गए सवाल

राजवीर जवंदा की सड़क दुर्घटना का मामला हाईकोर्ट में

शिमला - प्रसिद्ध पंजाबी गायक राजवीर जवंदा की सड़क दुर्घटना में मौत का मामला अब हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में पहुंच गया है। एडवोकेट नवकिरन सिंह ने जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार से गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा, "जब सरकार काउ सेस के नाम पर करोड़ों रुपये वसूल रही है, तो बेसहारा पशुओं के प्रबंधन की जिम्मेदारी किसकी है?"


‘100 करोड़ रुपये वसूले, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं’
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि हिमाचल सरकार ने अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये काउ सेस के रूप में एकत्र किए हैं। शराब की हर बोतल पर 10 रुपये अतिरिक्त लिए जाते हैं, ताकि बेसहारा गायों के रखरखाव का प्रबंध किया जा सके। लेकिन, वास्तविकता में कोई ठोस व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण नागरिकों की जान खतरे में है।


एडवोकेट नवकिरन सिंह ने कहा, "सरकार के पास धन की कमी नहीं है, लेकिन न तो शेल्टर होम बनाए गए हैं और न ही सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाए गए हैं। यह पूरी तरह से प्रशासनिक लापरवाही है।"


हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया
उच्च न्यायालय ने इस जनहित याचिका पर हिमाचल सरकार से जवाब मांगा है और पूछा है कि अब तक काउ सेस से प्राप्त राशि का उपयोग कैसे किया गया है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख तय कर सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।