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हिसार HAU छात्र आंदोलन: 18 दिन की धरना, क्या सरकार सुन पाएगी?

हिसार में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों का आंदोलन 18 दिन से जारी है, जिसमें छात्र अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हैं। प्रशासन ने उनकी बुनियादी सुविधाएं बंद कर दी हैं, जिससे छात्रों में नाराजगी बढ़ रही है। यदि 1 जुलाई तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो 2 जुलाई से विश्वविद्यालय और सभी कृषि विज्ञान केंद्र बंद करने की चेतावनी दी गई है। इस आंदोलन ने न केवल छात्रों के अधिकारों की लड़ाई को उजागर किया है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग भी उठाई है। क्या सरकार उनकी आवाज सुनेगी? जानें पूरी कहानी।
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हिसार HAU छात्र आंदोलन: 18 दिन की धरना, क्या सरकार सुन पाएगी?

हिसार HAU छात्र आंदोलन की पृष्ठभूमि

हिसार में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के छात्रों का आंदोलन अब 18वें दिन में प्रवेश कर चुका है। 27 जून को शुरू हुए इस धरने में छात्र अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं, लेकिन प्रशासन ने उनकी बुनियादी सुविधाएं जैसे पानी और मेस बंद कर दी हैं। छात्राओं को रात के समय हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया गया है। यदि 1 जुलाई तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो 2 जुलाई से विश्वविद्यालय और सभी कृषि विज्ञान केंद्र बंद करने की चेतावनी दी गई है।


छात्रों की मांगें और प्रशासन की प्रतिक्रिया

यह आंदोलन 10 जून को शुरू हुआ, जब छात्रों ने स्कॉलरशिप में कटौती को वापस लेने की मांग की। इस दौरान, विश्वविद्यालय के अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया, जिससे कई छात्र घायल हुए। इसके बाद दोनों पक्षों पर FIR दर्ज की गई और एक अधिकारी को गिरफ्तार किया गया। छात्र अब वाइस चांसलर की बर्खास्तगी और अन्य मांगों को लेकर धरने पर हैं। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के साथ बातचीत में वाइस चांसलर को छह महीने की छुट्टी पर भेजने पर सहमति बनी, लेकिन छात्र लिखित आदेश की मांग कर रहे हैं।


कठोर कदम और छात्रों की नाराजगी

प्रशासन ने छात्रों पर दबाव डालने के लिए कठोर कदम उठाए हैं। हॉस्टल में पानी की सप्लाई बंद कर दी गई है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। मेस बंद होने से छात्रों को भोजन की सुविधा नहीं मिल रही है। देर रात, गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन ने छात्राओं को हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया। नाराज छात्राओं ने पुलिस को बुलाया, जिसके बाद उन्हें खाना दिया गया। यह स्थिति प्रशासन के रवैये को दर्शाती है, और छात्रों का कहना है कि उनकी बुनियादी जरूरतों को नजरअंदाज किया जा रहा है।


छात्रों की चेतावनी और जन समर्थन

छात्रों ने सरकार को 1 जुलाई तक का समय दिया है। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो 2 जुलाई से विश्वविद्यालय और सभी कृषि विज्ञान केंद्र पूरी तरह बंद कर दिए जाएंगे। पहले 27 जून को विश्वविद्यालय के चार गेट बंद करने की योजना थी, लेकिन सरकार को एक और मौका देने के लिए इसे स्थगित किया गया। छात्रों का कहना है कि यह आंदोलन अब जनता का समर्थन प्राप्त कर रहा है।


आंदोलन का महत्व

हिसार HAU छात्र आंदोलन ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। छात्रों की एकता और संयम इस आंदोलन की ताकत है। अब यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह उनकी मांगों को कितनी गंभीरता से लेती है।