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हिसार बाइपास परियोजना: ट्रैफिक जाम से राहत के लिए ₹75 करोड़ का प्रोजेक्ट

हिसार में ₹75 करोड़ की लागत से बनने वाली बाइपास परियोजना अब अंतिम चरण में है। यह सड़क योजना ट्रैफिक जाम की समस्या को सुलझाने में मदद करेगी और शहर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। नई सड़क डाबड़ा माइनर से तोशाम रोड और राजगढ़ रोड को जोड़ेगी, जिससे लोगों को राहत मिलेगी। इसके साथ ही, एक रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण भी किया जाएगा। जानें इस परियोजना के सभी पहलुओं के बारे में।
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हिसार बाइपास परियोजना: ट्रैफिक जाम से राहत के लिए ₹75 करोड़ का प्रोजेक्ट

हिसार बाइपास परियोजना का अंतिम चरण

हिसार आउटर बाइपास परियोजना अब अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। इस सड़क योजना पर ₹75 करोड़ की लागत आएगी, जो हरियाणा के हिसार शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या को सुलझाने में मदद करेगी।


नई सड़क का निर्माण

इस परियोजना के तहत डाबड़ा माइनर से तोशाम रोड और राजगढ़ रोड को जोड़ने वाली एक नई सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसे साउथ बाइपास के समान चौड़ा रखा जाएगा, जिसकी चौड़ाई 10 मीटर निर्धारित की गई है।


लोगों को मिलेगी राहत

यह नई सड़क शहर की भीड़भाड़ से लोगों को राहत दिलाएगी और लंबी यात्रा करने वालों के लिए एक सुविधाजनक विकल्प प्रदान करेगी।


रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण

इस परियोजना की जिम्मेदारी PWD विभाग को सौंपी गई है। विभाग ने संशोधित बजट तैयार कर मुख्यालय को भेज दिया है, जिसमें एक रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण भी शामिल है। सहमति मिलने के बाद DNIT दस्तावेज तैयार किए जाएंगे और टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।


सड़क निर्माण की योजना

सड़क निर्माण दो हिस्सों में किया जाएगा—पहला हिस्सा 2700 मीटर लंबा होगा और दूसरा हिस्सा 740 मीटर में फैला होगा। कुल मिलाकर यह सड़क 3.5 किलोमीटर लंबी होगी, जो शहर के बाहरी इलाकों को जोड़ने और मुख्य ट्रैफिक को डायवर्ट करने में सहायक होगी।


शहर के विकास में योगदान

यह योजना केवल सड़क निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि हिसार के समग्र विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ट्रैफिक जाम से बचने के लिए यह बाइपास शहर की गति को फिर से बढ़ाएगा। इसके प्रभाव से स्थानीय व्यापार, आवागमन और नागरिकों की दैनिक सुविधाओं में सुधार होगा।


उम्मीदें और भविष्य

PWD विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस सड़क के पूरा होने पर हिसार के शहरी आवागमन में महत्वपूर्ण सुधार होगा। इसे सस्टेनेबल और लॉन्ग टर्म प्लानिंग के अनुसार विकसित किया जा रहा है।