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हुमायूं कबीर ने प्रस्तावित बाबरी मस्जिद और नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा की योजना साझा की

पश्चिम बंगाल के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने प्रस्तावित बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने और नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा की योजना साझा की है। उन्होंने मस्जिद के आकार और क्षमता के बारे में बड़े दावे किए हैं, साथ ही आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की बात भी कही है। कबीर ने जुमे की नमाज में बढ़ती भीड़ का जिक्र करते हुए भविष्य में दो लाख लोगों की उपस्थिति का अनुमान लगाया है। जानें उनके दावों और राजनीतिक रणनीतियों के बारे में अधिक जानकारी।
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हुमायूं कबीर ने प्रस्तावित बाबरी मस्जिद और नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा की योजना साझा की

हुमायूं कबीर के दावे

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने एक प्रस्तावित बाबरी मस्जिद के निर्माण को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। उनके अनुसार, इस मस्जिद के लिए अब तक कई करोड़ रुपये का चंदा इकट्ठा किया जा चुका है, और यह संरचना पहले से कहीं अधिक विशाल होगी। इसके साथ ही, उन्होंने नई राजनीतिक पार्टी बनाने और आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की योजना का भी उल्लेख किया।


प्रस्तावित मस्जिद की विशेषताएँ

एक टीवी साक्षात्कार में, हुमायूं कबीर ने कहा कि प्रस्तावित मस्जिद का आकार और क्षमता पूर्व की बाबरी मस्जिद से कहीं अधिक होगी।


उनके अनुसार:



  • मस्जिद की ऊंचाई लगभग 65 फीट अधिक होगी।

  • एक साथ करीब 25,000 लोगों के नमाज अदा करने की व्यवस्था होगी।

  • कुल क्षेत्रफल लगभग 30 एकड़ होगा।


उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न राज्यों जैसे बिहार, झारखंड, असम और त्रिपुरा से चंदा प्राप्त हुआ है, और विदेशों से भी सहयोग की संभावना है।


जुमे की नमाज में भीड़ का आंकड़ा

हुमायूं कबीर ने हाल की नमाज सभाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले जुमे को लगभग एक लाख लोग शामिल हुए थे, जिसके कारण नमाज को दो चरणों में पूरा करना पड़ा।


उनका अनुमान है कि भविष्य में दो लाख से अधिक लोगों की उपस्थिति हो सकती है, हालांकि स्थानीय प्रशासन या पुलिस ने इन आंकड़ों की पुष्टि नहीं की है।


नई पार्टी की घोषणा की तैयारी

राजनीतिक मोर्चे पर, हुमायूं कबीर ने बताया कि वे 22 दिसंबर को नई राजनीतिक पार्टी की औपचारिक घोषणा करेंगे।


उन्होंने कहा:



  • शुरुआत में पार्टी का एक छोटा कोर समूह बनेगा।

  • इसके बाद हर जिले में संगठनात्मक ढांचा खड़ा किया जाएगा।

  • सभी पदाधिकारी पार्टी के भीतर से चुने जाएंगे।


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में नई पार्टियों के लिए टिके रहना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन स्थानीय मुद्दों के आधार पर समर्थन जुटाया जा सकता है।


संभावित राजनीतिक गठजोड़

हुमायूं कबीर ने यह भी कहा कि यदि AIMIM उनके साथ आती है, तो अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों के लिए भी सहयोग के रास्ते खुले रहेंगे। उन्होंने वाम दलों और कांग्रेस जैसी पार्टियों के साथ आने की संभावना का उल्लेख किया।


विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की राजनीति में गठबंधन समीकरण चुनाव के परिणामों को काफी प्रभावित करते हैं।


सत्तारूढ़ दल और विपक्ष को चुनौती

हुमायूं कबीर ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कही। उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में वे निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।


उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी बड़ी संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ेगी और सरकार गठन में समर्थन महत्वपूर्ण होगा।


राजनीतिक मामलों के जानकार मानते हैं कि ऐसे दावे चुनावी माहौल का हिस्सा होते हैं और वास्तविक असर मतदाताओं के रुझान पर निर्भर करता है।


महत्वपूर्ण मुद्दे


  • धार्मिक और राजनीतिक बयान एक साथ सामने आना।

  • राज्य की राजनीति में नए दल की एंट्री की संभावना।

  • आगामी चुनावों से पहले समीकरण बदलने के संकेत।

  • भीड़ और चंदे जैसे दावों से प्रशासनिक सतर्कता बढ़ना।


आगे की संभावनाएँ

आने वाले दिनों में नई पार्टी की औपचारिक घोषणा और उसके कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। साथ ही, प्रशासनिक एजेंसियां भी सार्वजनिक आयोजनों और फंडिंग से जुड़े पहलुओं पर स्थिति स्पष्ट कर सकती हैं।