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हैदराबाद फॉर्मूला ई रेस में भ्रष्टाचार की जांच तेज, KTR पर नजर

हैदराबाद में फॉर्मूला ई रेस के आयोजन के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने जांच को तेज कर दिया है। पूर्व मंत्री के.टी. रामा राव पर शिकंजा कसते हुए, एसीबी ने उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की अनुमति मांगी है। इस जांच का केंद्र हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी और एक निजी कंपनी के बीच हुए समझौते पर है। कांग्रेस सरकार ने इस आयोजन में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं, जिसमें सरकारी खजाने को भारी नुकसान का दावा किया गया है।
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हैदराबाद फॉर्मूला ई रेस में भ्रष्टाचार की जांच तेज, KTR पर नजर

फॉर्मूला ई रेस में भ्रष्टाचार की जांच

हैदराबाद में आयोजित फॉर्मूला ई रेस के संदर्भ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने अपनी जांच को और तेज कर दिया है। इस बार एसीबी ने पूर्व मंत्री और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव (KTR) पर ध्यान केंद्रित किया है। एसीबी ने KTR को एक पत्र भेजकर उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, जैसे लैपटॉप और मोबाइल फोन, की जांच के लिए अनुमति मांगी है।
एसीबी का मानना है कि इन उपकरणों में फॉर्मूला ई रेस के आयोजन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी, जैसे ईमेल, व्हाट्सएप चैट और समझौतों के दस्तावेज़ हो सकते हैं। यह जांच विशेष रूप से हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HMDA) और निजी कंपनी 'एस नेक्स्ट जेन' (Ace Nxt Gen) के बीच हुए समझौते पर केंद्रित है।
कांग्रेस सरकार ने पूर्व बीआरएस सरकार पर इस प्रमुख आयोजन में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सरकार का कहना है कि इस आयोजन से सरकारी खजाने को लगभग 55 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। KTR को भेजे गए इस नोटिस ने मामले को और भी गर्म कर दिया है। अब देखना होगा कि वह जांच में सहयोग करते हैं या नहीं। उनके उत्तर के आधार पर एसीबी अपनी अगली कार्रवाई तय करेगी।