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करनाल में कोचिंग सेंटर में आग, 500 छात्रों की जान बची, सुरक्षा पर उठे सवाल

करनाल के जेनेसिस क्लासेज में आग लगने से 500 छात्रों की जान बचाई गई। घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दमकल विभाग ने समय पर कार्रवाई की, जिससे बड़ा हादसा टल गया। अभिभावकों ने कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर चिंता जताई है। प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
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करनाल में कोचिंग सेंटर में आग से हड़कंप

करनाल के जेनेसिस क्लासेज में आग लगने से छात्रों में अफरा-तफरी, 500 छात्रों को सुरक्षित निकाला गया: हरियाणा के करनाल में सेक्टर-6 स्थित जेनेसिस क्लासेज कोचिंग सेंटर में अचानक आग लग गई, जिससे वहां मौजूद सभी लोग दहशत में आ गए।


लगभग 500 छात्र अपनी जान बचाने के लिए भागे, जबकि दमकल विभाग ने आधे घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, शॉर्ट-सर्किट को इस घटना का कारण माना जा रहा है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में छात्रों की मौजूदगी ने कोचिंग सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


कोचिंग सेंटर में मची भगदड़

दोपहर करीब 12:30 बजे, जेनेसिस क्लासेज के भवन में अचानक धुआं उठने लगा। छात्रों ने जैसे ही धुआं देखा, उनमें भगदड़ मच गई। किताबें और बैग छोड़कर लगभग 500 छात्र जान बचाने के लिए बाहर की ओर दौड़े। देखते ही देखते पूरा भवन धुएं से भर गया।


हालांकि, सभी छात्र सुरक्षित बाहर निकल आए और किसी को भी शारीरिक नुकसान नहीं हुआ। इस घटना ने छात्रों और उनके अभिभावकों को डरा दिया, साथ ही कोचिंग सेंटरों की लापरवाही को भी उजागर किया।


दमकल विभाग और पुलिस की त्वरित कार्रवाई

आग लगने की सूचना मिलते ही कोचिंग सेंटर के प्रबंधन ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचित किया। दमकल विभाग की टीम कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंची और लगभग 30 मिनट की मेहनत के बाद आग पर काबू पा लिया।


सेक्टर-32-33 थाना प्रभारी मनोज वर्मा के नेतृत्व में पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची और प्राथमिक जांच शुरू की। पुलिस का कहना है कि समय पर कार्रवाई के कारण बड़ा हादसा टल गया। प्रारंभिक जांच में यूपीएस सिस्टम में शॉर्ट-सर्किट को आग का कारण माना जा रहा है।


सुरक्षा इंतजामों पर उठे सवाल

जेनेसिस क्लासेज में उस समय लगभग 500 छात्र मौजूद थे, जबकि भवन का आकार इतनी बड़ी संख्या को समायोजित करने के लिए उपयुक्त नहीं था।


इस तंग इंतजाम ने कोचिंग सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अगर आग और धुएं की स्थिति बेकाबू हो जाती, तो दम घुटने या अन्य बड़े हादसे की आशंका थी। स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने कोचिंग सेंटरों की मुनाफाखोरी की आलोचना की, जो अधिक छात्रों को भर्ती कर सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते हैं।


प्रबंधन के दावे और जांच की मांग

कोचिंग सेंटर प्रबंधन ने दावा किया कि उनके पास फायर सेफ्टी समेत सभी जरूरी एनओसी और सुरक्षा इंतजाम मौजूद हैं। हालांकि, पुलिस और दमकल विभाग अब इसकी गहन जांच कर रहे हैं।


जांच में कोचिंग सेंटर की स्वीकृत क्षमता, बच्चों की संख्या, और स्कूल समय में कोचिंग चलाने जैसे नियमों की अनुपालना की पड़ताल की जाएगी। अभिभावकों ने प्रशासन से ऐसे संस्थानों पर सख्ती बरतने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।


अभिभावकों की चिंता और राहत

आग की खबर सुनते ही सैकड़ों अभिभावक कोचिंग सेंटर के बाहर जमा हो गए। अपने बच्चों को सुरक्षित देखकर उन्होंने राहत की सांस ली, लेकिन घटना ने उन्हें भविष्य के लिए चिंतित कर दिया।


कई छात्रों ने बताया कि धुआं देखते ही उन्हें डर लगा और वे बिना कुछ सोचे बाहर भागे। अभिभावकों का कहना है कि कोचिंग सेंटरों को सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करना चाहिए।


कोचिंग सेंटरों के लिए सबक

यह घटना कोचिंग सेंटरों के लिए एक चेतावनी है। मुनाफे के चक्कर में सुरक्षा नियमों की अनदेखी न केवल छात्रों की जान को खतरे में डालती है, बल्कि संस्थानों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाती है। प्रशासन को चाहिए कि सभी कोचिंग सेंटरों की नियमित जांच करे और सुरक्षा मानकों को अनिवार्य करे।