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कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले का दिल दहला देने वाला वीडियो वायरल, जानें क्या हुआ

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भयानक आतंकी हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो में पर्यटकों की चीख-पुकार और आतंकियों की गोलीबारी के क्षण कैद हैं। हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि का निलंबन शामिल है। जानें इस हमले की पूरी कहानी और सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं।
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भीषण आतंकी हमले का वीडियो

22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में हुए एक भयानक आतंकी हमले का एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। यह वीडियो अहमदाबाद से आए एक पर्यटक द्वारा अनजाने में रिकॉर्ड किया गया था, जिसमें हमले के खौफनाक क्षण कैद हुए हैं। ज़िपलाइन पर सवारी करते समय शूट किए गए इस वीडियो में आतंकियों की अंधाधुंध गोलीबारी के बीच पर्यटकों को चीखते-चिल्लाते और जान बचाने के लिए भागते हुए देखा जा सकता है.


वीडियो की भयावहता

वीडियो की शुरुआत ज़िपलाइन ऑपरेटर के 'अल्लाहु अकबर' के नारे से होती है, जब पर्यटक ज़िपलाइन का आनंद ले रहा होता है। अचानक गोलियों की आवाज़ सुनाई देती है और नीचे अफरातफरी मच जाती है। लोग इधर-उधर दौड़ते नजर आते हैं, कुछ गिरते हैं और चीख-पुकार मच जाती है। वीडियो के अंत में एक व्यक्ति को जमीन पर बेसुध पड़ा देखा जा सकता है, जो हमले की वीभत्सता को दर्शाता है.


सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया यूजर्स ने दी प्रतिक्रिया


इस वीडियो के वायरल होने के बाद नेटिज़न्स ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कई लोगों ने जिपलाइन पर सवार पर्यटक की असावधानी पर हैरानी जताई। एक यूजर ने लिखा, "यह हैरान करने वाला है कि गोलियों की आवाज़ के बावजूद वह पर्यटक सामान्य बना रहा। अगर मैं वहां होता, तो तुरंत छिपने या भागने की कोशिश करता।" इस तरह की प्रतिक्रियाएं हमले के भयावह प्रभाव को दर्शाती हैं.


आतंकियों की पहचान

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकवादियों ने हमले के दौरान पर्यटकों से उनके धर्म और लिंग के बारे में पूछताछ की थी। रिपोर्टों के अनुसार, जो पर्यटक 'कलमा' नहीं पढ़ पाए, उन्हें बेहद नजदीक से गोली मार दी गई। यह हमला 2008 के बाद भारतीय धरती पर नागरिकों के खिलाफ सबसे घातक आतंकवादी हमला माना जा रहा है.


भारत की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के खिलाफ उठाए सख्त कदम


प्रारंभिक जांच से संकेत मिला है कि हमले में शामिल चारों आतंकियों को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में प्रशिक्षित किया गया था। हालांकि पाकिस्तान ने इस घटना में अपनी भूमिका से इनकार किया है, लेकिन भारत ने हमले के बाद कई सख्त कदम उठाए हैं.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जघन्य हमले की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाने का संकल्प लिया है। भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है और पाकिस्तान के नागरिकों को दी जाने वाली 12 श्रेणियों की वीजा सुविधाएं रद्द कर दी गई हैं.


जम्मू-कश्मीर विधानसभा की प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पास हुआ निंदा प्रस्ताव


जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने इस वीभत्स हमले की सर्वसम्मति से निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस दर्दनाक घटना को लेकर अपनी विफलता स्वीकार की और कहा कि उन्हें इस समय अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए थी.


भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध इस हमले के बाद और बिगड़ गए हैं। अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस ओर टिकी हैं कि इस संकट को कूटनीति से सुलझाया जा सके या क्षेत्र एक और गंभीर संघर्ष की ओर बढ़ेगा। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई ढिलाई नहीं बरतेगा.