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कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का पीएम मोदी को जाति जनगणना पर पत्र

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी को जाति जनगणना पर एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। पत्र में जनगणना प्रश्नावली के डिज़ाइन, आरक्षण संबंधी अधिनियमों और संविधान के अनुच्छेद 15 (5) पर चर्चा की गई है। खड़गे ने सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाने की भी मांग की है। जानें पत्र में और क्या कहा गया है।
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कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का पीएम मोदी को जाति जनगणना पर पत्र

जाति जनगणना पर खड़गे का पत्र

जाति जनगणना: केंद्र सरकार द्वारा जाति जनगणना को मंजूरी मिलने के बाद, कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने जनगणना के संदर्भ में तीन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं और सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाने की भी मांग की है। आइए जानते हैं पत्र में क्या लिखा गया है।



1. जनगणना प्रश्नावली का डिज़ाइन: यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। जाति से संबंधित जानकारी केवल गिनती के लिए नहीं, बल्कि व्यापक सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एकत्र की जानी चाहिए। हाल ही में तेलंगाना में हुए जातिगत सर्वेक्षण को इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय को जनगणना में उपयोग होने वाली प्रश्नावली के लिए तेलंगाना मॉडल का अनुसरण करना चाहिए। रिपोर्ट में किसी भी जानकारी को छिपाना नहीं चाहिए।


2. आरक्षण संबंधी अधिनियम: सभी राज्यों द्वारा पारित आरक्षण संबंधी अधिनियमों को संविधान की नवीं सूची में शामिल किया जाना चाहिए। इसके अलावा, जाति जनगणना के परिणामों के आधार पर अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण पर 50% की अधिकतम सीमा को संविधान संशोधन के माध्यम से हटाना आवश्यक है।


3. संविधान का अनुच्छेद 15 (5): इसके तहत निजी शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, और 29 जनवरी 2014 को सर्वोच्च न्यायालय ने इसे बरकरार रखा। यह प्रावधान निजी शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण प्रदान करता है।