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क्या ईसाई समुदाय का दबाव है राहुल गांधी की चुप्पी का कारण? किरेन रिजिजू का बयान

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी की संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पर चुप्पी को ईसाई समुदाय के दबाव से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा में भाग न लेकर सुरक्षित खेल खेलने का प्रयास किया। मतदान के दौरान प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाए गए हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का बयान

क्या ईसाई समुदाय का दबाव है राहुल गांधी की चुप्पी का कारण? किरेन रिजिजू का बयान

Kiren Rijiju: ईसाई समुदाय का दबाव हो सकता है संसद में वक्फ बिल पर राहुल के न बोलने का कारण

नई दिल्ली में किरेन रिजिजू का बयान: केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी की संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा में अनुपस्थिति पर सवाल उठाया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह संभवतः ईसाई समुदाय के दबाव का नतीजा हो सकता है। राहुल गांधी, जो लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की।

राहुल का सुरक्षित खेल खेलने का इरादा

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025, बजट सत्र के दौरान पारित किया गया था और इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अनुमोदित किया गया। इस विधेयक को पारित करने के लिए संसद के दोनों सदनों ने आधी रात तक काम किया। रिजिजू ने एक साक्षात्कार में कहा कि राहुल गांधी ने इस बहस में भाग न लेकर एक सुरक्षित खेल खेलने का प्रयास किया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया था।

प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति पर भी सवाल

रिजिजू ने यह भी बताया कि मतदान के समय प्रियंका गांधी भी मौजूद नहीं थीं और राहुल गांधी मतदान के लिए काफी देर से आए। उन्होंने कहा कि यह संभव है कि कांग्रेस पार्टी और अन्य सांसदों पर वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने के लिए ईसाई समुदाय का दबाव हो। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि राहुल गांधी शायद इस विधेयक के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए सुरक्षित खेल खेलना चाहते थे, क्योंकि उनके बोलने का रिकॉर्ड रहेगा।

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