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क्या खालिस्तान समर्थक MP अमृतपाल सिंह को मिलेगी संसद में भाग लेने की अनुमति?

खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली है। वह असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में हिरासत में हैं और उनकी संसद में भागीदारी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। अमृतपाल ने अपनी सदस्यता को सुरक्षित रखने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा था, लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी। पंजाब सरकार ने भी उनकी संसद में भागीदारी का विरोध किया है। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है।
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अमृतपाल सिंह की याचिका पर उच्च न्यायालय का फैसला

MP Amritpal Singh: खालिस्तान समर्थक और निर्दलीय सांसद अमृतपाल सिंह को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली है। अमृतपाल, जो खडूर साहिब सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, वर्तमान में असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में हैं। उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए संसद की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं दी। इस निर्णय के बावजूद, उनकी सदस्यता पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे संसद में उनकी उपस्थिति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। 


संसद में भाग लेने की अनुमति के लिए अमृतपाल का प्रयास

अमृतपाल ने 30 नवंबर और 16 दिसंबर, 2024 को स्पीकर को पत्र लिखकर संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी थी, ताकि उनकी सदस्यता पर कोई संकट उत्पन्न न हो। उन्होंने यह भी उल्लेख किया था कि 60 दिनों की अनुपस्थिति के बाद, उन्हें अयोग्य घोषित किया जा सकता है। हालांकि, लोकसभा ने उन्हें सूचित किया कि वह 24 जून 2024 से 12 दिसंबर 2024 तक अनुपस्थित रहे हैं। 


पंजाब सरकार का याचिका पर विरोध

पंजाब सरकार ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि हिरासत में रहते हुए अमृतपाल को संसद में भाग लेने का कोई अधिकार नहीं है। वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर पहले ही दो महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। 


अमृतपाल की गिरफ्तारी और राजनीतिक स्थिति

अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया था और वह निवारक हिरासत में हैं। उन पर कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें हत्या, अपहरण और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) शामिल हैं। अमृतपाल ने 2024 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी, और उनके परिवार ने उनकी ओर से प्रचार किया था। 


पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी अमृतपाल को संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति देने की वकालत की थी, जिससे जुलाई 2024 में संसद में विवाद उत्पन्न हुआ था।