चरणजीत सिंह चन्नी का विवादास्पद बयान: सर्जिकल स्ट्राइक पर उठाए सवाल

चन्नी का विवादास्पद बयान
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सैन्य कार्रवाई की चर्चा के बीच, कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने 2016 में उरी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाकर विवाद खड़ा कर दिया.
चन्नी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में सरकार की कार्रवाई पर संदेह है। उन्होंने कहा कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में "कुछ नहीं हुआ" और "कोई नहीं जानता कि क्या हुआ।" चन्नी ने यह भी कहा कि अगर देश में बम गिरें, तो भी किसी को पता नहीं चलेगा। उन्होंने सरकार से यह मांग की कि वह देश को बताए कि हमले के पीछे कौन है और दोषियों को सजा दे.
सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल
चन्नी ने 2016 में भारतीय सेना द्वारा PoK में की गई सर्जिकल स्ट्राइक की सत्यता पर संदेह जताया। उनका कहना था कि यह स्ट्राइक "कहीं दिखी ही नहीं" और इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं चला। यह बयान उस समय आया, जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में गुस्सा और सैन्य कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। चन्नी का यह बयान सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाने के रूप में देखा जा रहा है.
बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया
चन्नी के बयान पर बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर एक कविता के जरिए चन्नी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की बैठक के बाद चन्नी ने भारत सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक को झूठ करार दिया। बीजेपी का कहना है कि चन्नी का बयान सेना का अपमान है और यह देश की सुरक्षा के प्रति कांग्रेस की गैर-जिम्मेदाराना रवैये को दर्शाता है.
सर्जिकल स्ट्राइक का महत्व
2016 में उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने PoK में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इस कार्रवाई में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया था। सरकार और सेना ने इसे एक बड़ी सफलता बताया था। यह स्ट्राइक भारत की आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति का प्रतीक थी। चन्नी के बयान ने इस कार्रवाई की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है.
जनता और राजनीति में हलचल
चन्नी का बयान ऐसे समय में आया है, जब पहलगाम हमले के बाद लोग आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदमों की मांग कर रहे हैं। उनके इस बयान से न केवल बीजेपी, बल्कि कई लोग नाराज हैं, जो इसे सेना के बलिदान का अपमान मान रहे हैं। कांग्रेस के लिए यह बयान मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि यह पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकता है। दूसरी ओर, कांग्रेस का कहना है कि सरकार को मौजूदा हमले के लिए जवाबदेह होना चाहिए.