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चिंटेल्स पैराडिसो गुरुग्राम में असुरक्षित टावरों का विध्वंस अगस्त-सितंबर 2025 तक

गुरुग्राम के चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी में असुरक्षित घोषित नौ टावरों में से छह का विध्वंस अगस्त-सितंबर 2025 तक किया जाएगा। एच टावर पहले ही गिराया जा चुका है, जबकि जी टावर का काम तेजी से चल रहा है। टावर ए, बी, और सी के निवासियों के बीच विवाद जारी है, जिससे उनकी सुरक्षा और मुआवजे के मुद्दे पर बातचीत चल रही है। यह मामला रियल एस्टेट क्षेत्र में सुरक्षा और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर करता है।
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चिंटेल्स पैराडिसो गुरुग्राम में असुरक्षित टावरों का विध्वंस अगस्त-सितंबर 2025 तक

गुरुग्राम के चिंटेल्स पैराडिसो में असुरक्षित टावरों का विध्वंस

चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी में छह टावरों का विध्वंस अगस्त-सितंबर 2025 तक होगा: नया गुरुग्राम स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के नौ टावरों में से छह को असुरक्षित घोषित किया गया है, और इनका विध्वंस अगस्त-सितंबर 2025 तक पूरा करने की योजना है। यह जानकारी उन निवासियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो इस सोसायटी में निवास करते हैं या इसके भविष्य को लेकर चिंतित हैं।


एच टावर पहले ही गिराया जा चुका है, और जी टावर का विध्वंस तेजी से चल रहा है। हालांकि, टावर ए, बी, और सी के मामले में विवाद अदालत में चल रहा है। यह मामला न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बिल्डर और निवासियों के बीच विश्वास की कमी को भी उजागर करता है।


असुरक्षित टावरों पर कार्रवाई की शुरुआत

चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के सभी नौ टावरों को असुरक्षित घोषित किया गया है, जिसके बाद प्रशासन और बिल्डर ने इनके विध्वंस की प्रक्रिया शुरू कर दी है। टावर एच, जिसमें 52 फ्लैट थे, पूरी तरह से गिरा दिया गया है, और इसके 17 फुट गहरे बेसमेंट में मलबा भरा गया है।


वर्तमान में टावर जी का विध्वंस कार्य चल रहा है, इसके बाद टावर डी, ई, एफ, और जे को गिराया जाएगा। जिला प्रशासन का अनुमान है कि अगस्त या सितंबर 2025 तक इन छह टावरों का विध्वंस पूरा हो जाएगा। यह कदम सोसायटी में निवास करने वाले परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।


टावर ए, बी, और सी पर विवाद

टावर ए, बी, और सी में रहने वाले 130 परिवारों ने अभी तक अपने फ्लैट खाली नहीं किए हैं। इन टावरों के निवासियों और बिल्डर प्रबंधन के बीच सहमति नहीं बन पाई है। निवासियों का कहना है कि उन्हें उचित मुआवजा और वैकल्पिक आवास की व्यवस्था चाहिए।


इस मुद्दे पर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) और जिला प्रशासन के बीच बातचीत चल रही है। निवासियों ने टावर खाली करने के प्रशासनिक आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से स्टे हासिल कर लिया है। जिला अदालत में 5 और 7 मई 2025 को टावर ए और बी के आवंटियों की सुनवाई होगी, जिसके बाद इस मामले में नया मोड़ आ सकता है।


निवासियों की सुरक्षा प्राथमिकता

चिंटेल्स पैराडिसो के टावरों को असुरक्षित घोषित करने का निर्णय तब लिया गया जब इनकी संरचनात्मक कमजोरी सामने आई। टावर डी, ई, एफ, जी, एच, और जे को पूरी तरह खाली करा लिया गया है, और इनके सभी परिवार अन्य स्थानों पर शिफ्ट हो चुके हैं।


प्रशासन का कहना है कि निवासियों की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है। असुरक्षित इमारतों में रहना न केवल जोखिम भरा है, बल्कि यह कानूनी रूप से भी गलत है। इसलिए, टावरों को गिराने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा रहा है।


निवासियों के लिए सलाह

जो परिवार अभी भी टावर ए, बी, और सी में रह रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे प्रशासन और कोर्ट के निर्देशों का पालन करें। असुरक्षित टावरों में रहना जानलेवा हो सकता है।


साथ ही, बिल्डर और आरडब्ल्यूए के साथ बातचीत में हिस्सा लें, ताकि मुआवजे और पुनर्वास के मुद्दे का समाधान हो सके। अन्य निवासियों के लिए, यह घटना एक सबक है कि रियल एस्टेट में निवेश से पहले बिल्डर की विश्वसनीयता और बिल्डिंग की सुरक्षा मानकों की जांच जरूरी है।


भविष्य की संभावनाएं

चिंटेल्स पैराडिसो का यह मामला गुरुग्राम में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा सबक है। यह घटना बिल्डरों को संरचनात्मक सुरक्षा और पारदर्शिता पर ध्यान देने के लिए मजबूर करेगी।


प्रशासन और कोर्ट की निगरानी में टावरों का विध्वंस और निवासियों का पुनर्वास एक जटिल प्रक्रिया है, लेकिन यह जरूरी है। अगस्त-सितंबर तक छह टावरों के गिरने के बाद, सोसायटी का भविष्य और बाकी टावरों का फैसला कोर्ट के निर्णय पर निर्भर करेगा।


निवासियों का भरोसा जीतने की चुनौती

यह घटनाक्रम न केवल निवासियों की सुरक्षा, बल्कि उनके बिल्डर और प्रशासन पर भरोसे को भी प्रभावित करता है। चिंटेल्स पैराडिसो के निवासियों की मांग है कि उन्हें उचित मुआवजा और सुरक्षित आवास मिले। इस मामले का निष्पक्ष समाधान न केवल निवासियों, बल्कि पूरे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक मिसाल बनेगा।