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जावेद अख्तर ने पाकिस्तान पर कसा तंज, केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील

मुंबई में ग्लोरियस महाराष्ट्र फेस्टिवल 2025 में जावेद अख्तर ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने हालिया आतंकी हमले पर गुस्सा जताते हुए शहीद हुए मुंबईकरों को श्रद्धांजलि दी। जावेद ने पाकिस्तान के दुष्प्रचार का खंडन करते हुए कश्मीर के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी। उनकी बातें न केवल पाकिस्तान की सेना की मानसिकता पर सवाल उठाती हैं, बल्कि भारत में कश्मीरी लोगों की सुरक्षा की आवश्यकता को भी उजागर करती हैं।
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जावेद अख्तर ने पाकिस्तान पर कसा तंज, केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील

जावेद अख्तर का पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा बयान

जावेद अख्तर ने पाकिस्तान पर कसा तंज: मुंबई में आयोजित ग्लोरियस महाराष्ट्र फेस्टिवल 2025 में प्रसिद्ध गीतकार ने केंद्र सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, 'यह एक बार नहीं, बल्कि कई बार हो चुका है। मैं केंद्र से निवेदन करता हूं कि वे तुरंत कदम उठाएं। सीमा पर कुछ पटाखे फोड़ने से काम नहीं चलेगा। अब ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।'


सीमा पर कार्रवाई की आवश्यकता

'सीमा पर पटाखे फोड़ने से काम नहीं चलेगा...'

पाकिस्तान के आर्मी चीफ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, 'कुछ ऐसा करो कि वहां का पागल आर्मी चीफ, कोई समझदार व्यक्ति उनके जैसा भाषण न दे सके।' जावेद ने पाकिस्तानी सेना की बयानबाजी के पीछे की मानसिकता पर भी सवाल उठाया और कहा कि 'वे कहते हैं कि हिंदू और मुसलमान अलग-अलग समुदाय हैं। उन्हें इस बात की भी परवाह नहीं है कि उनके देश में भी हिंदू हैं। तो क्या उनका कोई सम्मान नहीं है? वह किस तरह का आदमी है?'


पहलगाम आतंकी हमले पर गुस्सा

पहलगाम आतंकी हमले पर जावेद अख्तर का फूटा गुस्सा

उन्होंने हमले में जान गंवाने वाले तीन मुंबईकरों - संजय लेले, अतुल मोने और हेमंत जोशी को श्रद्धांजलि दी। जावेद ने गंभीरता से कहा, 'वे शांति और खुशी की तलाश में थे। शायद उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। इसी की तलाश में वे पहलगाम गए। उन्हें वहां बेरहमी से गोली मार दी गई। यह कोई साधारण बात नहीं है।' पाकिस्तान की अपनी यात्रा को याद करते हुए जावेद ने कहा, 'मैं एक साहित्यिक उत्सव के लिए लाहौर गया था... एक महिला ने मुझे बताया कि भारतीय उन्हें आतंकवादी मानते हैं.'


पाकिस्तान के दुष्प्रचार का खंडन

पाकिस्तान के दुष्प्रचार को सीधे तौर पर आड़े हाथों लिया

उन्होंने कश्मीर के बारे में पाकिस्तान के दुष्प्रचार को सीधे तौर पर आड़े हाथों लिया और कहा कि 'वे कहते हैं कि कश्मीरी दिल से पाकिस्तानी हैं और भारत ने उन पर कब्जा कर लिया है। झूठ सच तो यह है कि जब उन्होंने 1948 में हमला किया, तो स्थानीय कश्मीरियों ने उन्हें 3 दिनों तक रोके रखा। हमारी सेना 3 दिन बाद वहां पहुंची। सच तो यह है कि वे भारत के बिना नहीं रह सकते। भारत के किसी भी हिस्से में किसी भी कश्मीरी को पूरी सुरक्षा दी जानी चाहिए.'