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झारखंड के पूर्व सांसद तिलकधारी सिंह का निधन: राजनीति में एक युग का अंत

झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तिलकधारी सिंह का निधन 21 अप्रैल को हुआ। 87 वर्षीय नेता ने गिरिडीह जिले के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। तिलकधारी सिंह का राजनीतिक सफर मुखिया से सांसद तक का रहा, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं। उनके योगदान को याद करते हुए, उनके जाने से झारखंड की राजनीति में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हुआ है।
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तिलकधारी सिंह का निधन

Tilakdhari Singh Death News: झारखंड कांग्रेस के अनुभवी नेता और पूर्व सांसद तिलकधारी सिंह का निधन 21 अप्रैल, सोमवार को हुआ। उनकी उम्र 87 वर्ष थी और उन्होंने झारखंड के गिरिडीह जिले के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, वे मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त थे।


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का शोक

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जताया दुख

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर तिलकधारी सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "पूर्व लोकसभा सांसद तिलकधारी सिंह के निधन की दुखद सूचना मिली। वे जन-जन के नेता थे। उनका जाना झारखंड की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है।" उन्होंने दिवंगत आत्मा को शांति और शोक संतप्त परिवार को साहस देने की प्रार्थना की।


कांग्रेस अध्यक्ष की श्रद्धांजलि

कांग्रेस अध्यक्ष ने दी श्रद्धांजलि

झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने तिलकधारी सिंह को एक जमीनी नेता बताया। उन्होंने कहा कि सिंह जी ने मुखिया से सांसद तक का लंबा और संघर्षपूर्ण सफर तय किया। उन्होंने दो बार कोडरमा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के लिए जीत हासिल की। महतो ने कहा, "उनकी कमी को पूरा करना बेहद कठिन होगा।"


राजनीतिक यात्रा

राजनीतिक सफर

  • तिलकधारी सिंह गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड के चतरो गांव के निवासी थे।
  • 1977 में वे कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बने।
  • 1980 में उन्हें धनवार विधानसभा सीट से विधायक चुना गया।
  • इसके बाद, उन्होंने 1984 और 1999 में कोडरमा लोकसभा सीट से सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया।
  • उन्होंने हमेशा सादगी और जनता के साथ जुड़ाव के साथ राजनीति की।