पहलगाम आतंकी हमले पर पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टिंग: भारत की नाराजगी का कारण
पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टिंग पर विवाद
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टिंग ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। प्रमुख समाचार संस्थानों जैसे वॉशिंगटन पोस्ट, द गार्जियन, रॉयटर्स और एसोसिएटेड प्रेस ने हमलावरों को 'मिलिटेंट' के रूप में संदर्भित किया, जिस पर भारत सरकार ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। विशेष रूप से, बीबीसी इंडिया के प्रमुख जैकी मार्टिन को इस मुद्दे पर एक आधिकारिक पत्र भेजा गया है।
अमेरिकी सदन की समिति की आपत्ति
यह विवाद उस समय उभरा है जब हाल ही में अमेरिकी सदन की विदेश मामलों की समिति ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्टिंग पर सवाल उठाते हुए 'गनमेन' और 'मिलिटेंट' जैसे शब्दों के उपयोग पर आपत्ति जताई थी।
भारत में 'टेररिस्ट' की परिभाषा
भारत में 'टेररिस्ट' की परिभाषा क्या कहती है?
भारतीय कानून के अनुसार, 'अनअथॉराइज्ड एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट, 1967' के तहत, टेररिस्ट वह व्यक्ति होता है जो भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा या संप्रभुता को खतरे में डालने का प्रयास करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि 'मिलिटेंट' एक व्यापक शब्द है, जिसका उपयोग किसी भी हिंसात्मक गतिविधियों का समर्थन करने वाले व्यक्ति के लिए किया जा सकता है, चाहे उसका उद्देश्य आतंक फैलाना हो या विरोध को दबाना।
शब्दों का चयन और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण
अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण में भिन्नता क्यों?
एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका और जॉन फिलिप जेनकिन्स के अनुसार, टेररिज्म का अर्थ है जनता में भय पैदा करने के लिए आक्रामक हिंसा का उपयोग करना, ताकि किसी विशेष राजनीतिक उद्देश्य को साधा जा सके। वहीं, अमेरिकी एफबीआई की परिभाषा के अनुसार, टेररिज्म वह हिंसात्मक अपराध है जो राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक, नस्लीय या पर्यावरणीय उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता है।
मीडिया की रिपोर्टिंग में शब्दों का चयन
मीडिया की रिपोर्टिंग में शब्दों का चयन क्यों होता है अलग?
अंतरराष्ट्रीय मीडिया अक्सर इन सटीक परिभाषाओं का पालन नहीं करता। उदाहरण के लिए, एसोसिएटेड प्रेस (AP) ने 1990 के दशक से अपने पत्रकारों को निर्देश दिया है कि 'आतंकी' और 'आतंकवाद' जैसे शब्द केवल आधिकारिक बयानों या प्रत्यक्ष उद्धरणों में ही इस्तेमाल किए जाएं। यह स्पष्ट है कि कई प्रमुख मीडिया संस्थान शब्दों के चयन में अत्यधिक सावधानी बरतते हैं, ताकि रिपोर्टिंग में निष्पक्षता बनी रहे।