पहलागाम हमले के बाद कांग्रेस का विवादास्पद ट्वीट: क्या है सच्चाई?
पहलागाम में आतंकी हमले का असर
जम्मू-कश्मीर के पहलागाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है, और विपक्ष भी इस मुद्दे पर एकजुटता दिखा रहा है। सभी राजनीतिक दल आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस का विवादास्पद पोस्ट
इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स (Twitter) हैंडल पर एक विवादास्पद तस्वीर साझा की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा और हाथ गायब था। इस तस्वीर के साथ लिखा गया था, "प्रधानमंत्री गायब हैं।" यह पोस्ट सुबह साझा की गई, लेकिन कुछ ही समय में विवाद उत्पन्न हो गया और आलोचना के बाद कांग्रेस ने इसे हटा दिया।
बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया
बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने इस पोस्ट की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि कांग्रेस इस संवेदनशील समय में भी राजनीति कर रही है। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि यह पोस्ट प्रधानमंत्री के खिलाफ नफरत फैलाने और हिंसा को भड़काने का प्रयास है।
क्या है 'सर तन से जुदा' का इशारा?
बीजेपी के मीडिया प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस इस पोस्ट के माध्यम से 'सर तन से जुदा' जैसी विचारधारा को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने इसे केवल आलोचना नहीं, बल्कि एक खतरनाक संकेत बताया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, "कांग्रेस कितनी नीचे गिर सकती है!"
कांग्रेस का सफाई बयान
इस विवाद के बाद कांग्रेस ने अपनी गलती को स्वीकार किया और ट्वीट को हटा दिया। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के शीर्ष नेताओं ने भी नाराजगी जताई और कार्यकर्ताओं को भविष्य में ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सावधानी बरतने की सलाह दी है। कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि पोस्ट का उद्देश्य प्रधानमंत्री को गैर-जिम्मेदार दिखाना था, क्योंकि उनका मानना था कि पीएम को पहलागाम हमले के बाद विपक्ष के साथ मिलकर रणनीति बनानी चाहिए थी, लेकिन वे उस समय बिहार दौरे पर थे।