भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए ब्रह्मोस-NG मिसाइल की तैनाती

ब्रह्मोस-NG का परिचय
BrahMos-NG: भारतीय वायुसेना और नौसेना जल्द ही राफेल लड़ाकू विमानों में ब्रह्मोस-NG (नेक्स्ट जेनरेशन) सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को शामिल करने जा रही है। यह मिसाइल भारतीय सेना की सामरिक क्षमता को और मजबूत करेगी। इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर है और यह 4170 किमी/घंटा की गति से उड़ान भर सकती है। इसके अलावा, यह दुश्मन पर सटीक और विध्वंसक हमले करने में सक्षम है।
सीमा पार किए बिना दुश्मन को नष्ट करने की क्षमता
डसॉल्ट एविएशन ने राफेल में भारत की स्वदेशी हथियार प्रणालियों को शामिल करने की अनुमति दी है, जिससे 'मेक इन इंडिया' को नई ऊर्जा मिलेगी और भारत की सामरिक स्वतंत्रता को मजबूती मिलेगी। पाकिस्तान पहले से ही भारत के राफेल बेड़े को लेकर चिंतित था। अब जब ये अत्याधुनिक लड़ाकू विमान ब्रह्मोस-एनजी जैसी घातक मिसाइलों से लैस होंगे, तो इससे उसकी आतंक समर्थक रणनीति पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यह मिसाइल पाकिस्तान के किसी भी सैन्य ठिकाने, कमांड सेंटर या आतंकवादी लॉन्चपैड को बिना सीमा पार किए निशाना बना सकती है।
ब्रह्मोस-एनजी की विशेषताएँ
इस मिसाइल का पहला परीक्षण 2026 में किया जाएगा। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थापित ब्रह्मोस उत्पादन केंद्र में होगा। ब्रह्मोस-एनजी, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का हल्का और उन्नत संस्करण है, जिसे विशेष रूप से आधुनिक लड़ाकू विमानों और मोबाइल प्लेटफॉर्म से लॉन्च करने के लिए विकसित किया गया है। इसकी गति लगभग 4170 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसकी रेंज 290 किलोमीटर है। इसका हल्का वजन इसे तेजस, राफेल, मिराज जैसे विमानों से आसानी से दागने की अनुमति देता है।