भारत का ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ नई रणनीति

भारत का सैन्य अभियान
भारत ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब भारत ने ऐसा कदम उठाया है। कुछ समय बाद, आतंकवादी फिर से सक्रिय हो जाते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि पाकिस्तान के नेता और सेना आतंकवाद को एक नीति के तहत बढ़ावा देते हैं। असली चुनौती आतंकवाद के ढांचे को इस तरह से समाप्त करना है कि पाकिस्तान की सेना का छद्म युद्ध का एजेंडा हमेशा के लिए खत्म हो जाए।
विशेषज्ञों की राय
सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्म चैलानी ने सोशल मीडिया पर एक विस्तृत पोस्ट में बताया कि पिछले 11 वर्षों में, मोदी के शासन के दौरान, कमजोर पाकिस्तान ने भारत को कई बार नुकसान पहुँचाने की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि भारत का धैर्य समाप्त होने पर उसने सैन्य कार्रवाई का निर्णय लिया। चैलानी ने यह भी कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि भारतीय सेना अपने अभियान को किस हद तक आगे बढ़ा पाती है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सैन्य अभियानों का महत्व होता है, लेकिन किसी संघर्ष में राजनीतिक इच्छाशक्ति सबसे महत्वपूर्ण होती है।
अमेरिका की भूमिका पर सवाल
चैलानी ने एक अन्य पोस्ट में अमेरिका की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ एक सैन्य संतुलन के रूप में स्थापित किया है। जो बाइडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को उन्नत एफ-16 विमान प्रदान किए हैं। अब उप राष्ट्रपति जेडी वेंस का कहना है कि भारत-पाक संघर्ष में अमेरिका का कोई हस्तक्षेप नहीं है और वे दोनों देशों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकते।