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भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ डाक और पार्सल सेवाओं पर लगाया प्रतिबंध

भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, सभी प्रकार की डाक और पार्सल सेवाओं के आदान-प्रदान को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कदम हवाई और जमीनी दोनों मार्गों पर लागू होगा, जिससे दोनों देशों के बीच व्यक्तिगत और व्यापारिक संचार प्रभावित होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय उन लोगों के लिए कठिनाई पैदा कर सकता है जिनके पारिवारिक या व्यावसायिक संबंध पाकिस्तान में हैं।
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भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ डाक और पार्सल सेवाओं पर लगाया प्रतिबंध

भारत सरकार का बड़ा निर्णय

नई दिल्ली: भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पड़ोसी देश से आने वाली सभी प्रकार की डाक और पार्सल सेवाओं के आदान-प्रदान को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह प्रतिबंध हवाई और जमीनी दोनों मार्गों पर लागू होगा। आज भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े निर्णय लिए हैं, जिनमें पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध और पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों के भारतीय बंदरगाहों पर प्रवेश पर रोक शामिल है।


इस संदर्भ में डाक विभाग ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है, "भारत सरकार ने हवाई और जमीनी मार्गों के माध्यम से पाकिस्तान से आने वाले सभी श्रेणियों के मेल और पार्सल के आदान-प्रदान को निलंबित करने का निर्णय लिया है।"


भारत और पाकिस्तान के बीच डाक सेवाओं का आदान-प्रदान पहले से ही सीमित स्तर पर चल रहा था। हालांकि, अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने कुछ समय के लिए इन सेवाओं को निलंबित कर दिया था, जिसे बाद में तीन महीने बाद बहाल किया गया था। लेकिन वर्तमान तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, भारत सरकार ने सभी डाक और पार्सल सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया है।


इस निलंबन का सीधा असर दोनों देशों के बीच व्यक्तिगत पत्राचार, व्यापारिक दस्तावेजों और व्यक्तिगत पार्सलों के आदान-प्रदान पर पड़ेगा, जो पूरी तरह से ठप हो जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम उन लोगों के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है जिनके पारिवारिक या व्यावसायिक संबंध दोनों देशों में हैं और वे डाक सेवाओं पर निर्भर थे। इसके अलावा, यह कदम पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी अप्रत्यक्ष प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि भारत से कुछ वस्तुओं का आयात डाक सेवाओं के माध्यम से भी होता था।