भारत-पाकिस्तान तनाव: मीडिया की भूमिका और वास्तविकता

मीडिया की भूमिका और जनमानस पर प्रभाव
कृपया न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया से दूरी बनाएं। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे कथित 'युद्ध' की खबरों से खुद को दूर रखें। हाल ही में मेरे घर में कुछ रिश्तेदारों ने घबराए हुए फोन किए, यह कहते हुए कि उन्हें डर लग रहा है और उनकी नींद प्रभावित हो रही है। रात में वे टीवी पर देखते हैं कि क्या हो रहा है। यह स्थिति केवल श्रीनगर और जम्मू में ही नहीं, बल्कि राजस्थान, मथुरा और दिल्ली में भी हो रही है। यह मानसिक तनाव का कारण बन रहा है, जिसका मुख्य कारण टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर फैली झूठी खबरें हैं। गुरुवार रात को टीवी चैनल युद्ध की घोषणा कर रहे थे, यह बताते हुए कि दुश्मन के विमान गिर रहे हैं और लाहौर पर हमला हो चुका है।
सच्चाई और डर का सामना
आपका मानसिक स्वास्थ्य तब बेहतर होगा जब आप टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को नजरअंदाज करें। युद्ध की कोई संभावना नहीं है। मैंने पहले भी कहा था कि न तो युद्ध होगा और न ही पीओके पर कब्जा किया जाएगा। केवल आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले हो रहे हैं, जो कि ईरान और इजराइल के बीच हुए हमलों की तरह हैं। लेकिन इसे टीवी पर झूठ के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे करोड़ों लोगों की मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। शुक्रवार सुबह दिल्ली में चर्चा थी कि स्कूल बंद हो गए हैं और लोगों को आवश्यक सामान इकट्ठा करने की सलाह दी जा रही है।
भारत की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
क्या यह समझदारी है कि हम डर के साए में जी रहे हैं? पिछले 11 वर्षों में भारत के लोगों में निर्भीकता का अभाव हो गया है। हमें यह समझना चाहिए कि टीवी और मीडिया झूठ की फैक्टरियां हैं। इसलिए डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न तो लालबहादुर शास्त्री हैं और न ही इंदिरा गांधी। वे बालाकोट के शेर हैं। भारत ने आधिकारिक रूप से कहा है कि उसकी मंशा सैन्य कार्रवाई बढ़ाने की नहीं है, लेकिन हर स्थिति के लिए तैयार है।
पाकिस्तान की स्थिति और संभावित परिणाम
पाकिस्तान की सेना और वहां की जनता के बीच का संबंध दांव पर है। हालांकि भारत ने आतंक के ठिकानों पर मिसाइल नहीं दागी, लेकिन पाकिस्तान की सेना प्रमुख मुनीर का अहंकार इस समय महत्वपूर्ण है। पिछले तीन दिनों में दोनों देशों ने नए हथियारों और विमानों का परीक्षण किया है। यह दर्शाता है कि दोनों पक्षों से सत्य नहीं बोला जा रहा है। पाकिस्तान ने भारत की ओर मिसाइलें दागी, लेकिन सुबह सफेद झूठ बोला कि उसने कुछ नहीं किया।
दक्षिण एशिया की स्थिति
यह दक्षिण एशिया के देशों की विशेषता है कि वे झगड़ते हैं लेकिन झूठ का महायुद्ध बनाते हैं। इजराइल और उसके प्रधानमंत्री हर दिन हमले से पहले घोषणा करते हैं, ताकि नागरिक सतर्क रहें। जबकि भारत एक ऑपरेशन के बाद कहता है कि वह बातचीत खत्म करना चाहता है। यह स्थिति दर्शाती है कि दक्षिण एशिया में झगड़े होते हैं, लेकिन सच्चाई की कमी होती है।