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भूपेंद्र हुड्डा ने नायब सैनी पर साधा निशाना, पानी के विवाद पर उठाए सवाल

हरियाणा में पानी के विवाद ने एक बार फिर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने नायब सैनी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर उनके रिश्तेदार पंजाब में हैं, तो हरियाणा का पानी क्यों रोका गया? इस मुद्दे पर हुड्डा ने केंद्र और हरियाणा की बीजेपी सरकार को घेरते हुए किसानों की चिंताओं को उजागर किया। इसके अलावा, उन्होंने आतंकवाद और जातिगत गणना पर भी अपनी राय रखी। क्या सरकार इस विवाद का समाधान निकाल पाएगी? जानें पूरी कहानी में।
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भूपेंद्र हुड्डा ने नायब सैनी पर साधा निशाना, पानी के विवाद पर उठाए सवाल

पानी का मुद्दा: हरियाणा में सियासी हलचल

भूपेंद्र हुड्डा ने नायब सैनी पर तंज करते हुए कहा: 'अगर उनके रिश्तेदार पंजाब में हैं, तो हरियाणा का पानी क्यों रोका गया?' हरियाणा में जल विवाद एक बार फिर राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी पर आरोप लगाते हुए पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे के मुद्दे को उठाया।


रोहतक में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुड्डा ने कहा कि यदि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान नायब सैनी के रिश्तेदार हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि हरियाणा के किसानों का पानी रोका जाए। यह बयान न केवल राजनीतिक माहौल को गर्माता है, बल्कि हरियाणा के किसानों की चिंताओं को भी उजागर करता है।


हरियाणा-पंजाब जल विवाद: तनाव की स्थिति

पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे का विवाद लंबे समय से चल रहा है। हुड्डा ने इस मुद्दे पर केंद्र और हरियाणा की बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा कि दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद हरियाणा के किसानों को उनका हक नहीं मिल रहा।


उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब और हरियाणा एक ही देश का हिस्सा हैं, और पानी रोकना न केवल उचित नहीं है, बल्कि यह दोनों राज्यों के किसानों के हित में भी नहीं है।


हुड्डा ने सरकार से अपील की कि हरियाणा के किसानों के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और जल बंटवारे के विवाद का समाधान किया जाए। उनके अनुसार, दोनों राज्यों के किसान समान हैं, और उनके हितों की रक्षा समान रूप से होनी चाहिए।


आतंकवाद और जातिगत गणना पर हुड्डा की राय

पानी के मुद्दे के अलावा, हुड्डा ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ है। उन्होंने केंद्र सरकार से आतंकवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।


जातिगत गणना के मुद्दे पर, हुड्डा ने कांग्रेस की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कांग्रेस के दबाव में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया है।


उनके अनुसार, यह गणना सभी समुदायों को उनके हक और आरक्षण का लाभ दिलाने में मदद करेगी। हुड्डा ने यह भी कहा कि इस गणना के बाद आरक्षण की 50% सीमा को पार किया जा सकता है, जिससे सामाजिक न्याय को और मजबूती मिलेगी।


सियासी तंज और किसानों की चिंताएं

हुड्डा का यह बयान नायब सैनी के उस दावे पर तंज है, जिसमें उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री को अपना रिश्तेदार बताया था। हुड्डा ने इस रिश्तेदारी को मजाक का विषय बनाते हुए सवाल उठाया कि अगर रिश्तेदार इतने करीब हैं, तो हरियाणा का पानी क्यों रोका जा रहा है?


यह बयान न केवल बीजेपी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है, बल्कि हरियाणा के किसानों की उस पीड़ा को भी उजागर करता है, जो पानी की कमी से जूझ रहे हैं।


रोहतक में इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रघुबीर सिंह कादियान और अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने हुड्डा के बयान का समर्थन किया। यह राजनीतिक बयानबाजी हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले माहौल को और गर्म कर सकती है।


आगे की राह

पंजाब और हरियाणा के बीच जल विवाद का समाधान निकालना केंद्र और दोनों राज्य सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती है।


हुड्डा का यह बयान न केवल बीजेपी को कटघरे में खड़ा करता है, बल्कि हरियाणा के किसानों की आवाज को भी बुलंद करता है। क्या सरकार इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाएगी, या यह राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा? यह सवाल हरियाणा के हर किसान के मन में है।