मायावती ने जातीय जनगणना पर कांग्रेस और भाजपा की नीयत पर उठाए सवाल

मायावती का बयान
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर केंद्र सरकार की नीतियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस और भाजपा की नीयत बहुजन समाज के प्रति स्पष्ट होती, तो ओबीसी समुदाय देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शुक्रवार को किए गए एक पोस्ट में, मायावती ने कहा कि लंबे समय तक ना-ना करने के बाद केंद्र ने अब जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस इसे अपने हित में भुनाने की कोशिश कर रही हैं, जबकि इन पार्टियों के बहुजन-विरोधी दृष्टिकोण के कारण ओबीसी समुदाय अभी भी पिछड़ा और वंचित है।
उन्होंने आगे कहा कि यदि इन पार्टियों की नीयत सही होती, तो ओबीसी समाज देश के विकास में एक उचित भागीदार बन सकता था, जिससे बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का 'आत्म-सम्मान और स्वाभिमान' का मिशन सफल होता। मायावती ने यह भी कहा कि बाबासाहेब और बीएसपी के संघर्ष के कारण ओबीसी समाज अब जागरूक हो चुका है, और इसलिए इन पार्टियों का ओबीसी वोटों के लिए लालायित होना स्वार्थपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि 'वोट हमारा राज तुम्हारा-नहीं चलेगा' के सिद्धांत को साकार करने का समय आ गया है। इसके लिए कोताही और लापरवाही घातक साबित हो सकती है, और दलित, ओबीसी समेत बहुजन के हित में भाजपा और कांग्रेस पर भरोसा करना उचित नहीं है।
मायावती ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने का निर्णय एक सकारात्मक कदम है, जिसका बीएसपी लंबे समय से समर्थन कर रही थी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस निर्णय को समय पर लागू करेगी।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार के जातीय जनगणना के निर्णय के बाद विपक्षी दलों में इसे लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, खासकर सपा और बसपा इसे लेकर सरकार को घेरने में जुटी हैं।