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मुख्यमंत्री मान ने युवाओं को नशे के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का किया आह्वान

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने युवाओं को नशे के खिलाफ चल रही मुहिम में शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने शहीद भगत सिंह और अन्य वीरों की कुर्बानियों का जिक्र करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी देश की असली ताकत है। उन्होंने युवाओं से जिम्मेदारी का अहसास करते हुए कहा कि उन्हें अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दृढ़ रहना होगा। मुख्यमंत्री ने अपने अतीत को याद करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने गांवों में पैसे लिए और अब उन्हें ग्रांट के रूप में लौटाना पड़ रहा है।
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मुख्यमंत्री मान ने युवाओं को नशे के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का किया आह्वान

युवाओं की शक्ति पर जोर


कहा, भगत सिंह की प्रेरणा से पंजाब के नौजवान बनेंगे बदलाव की मशाल


चंडीगढ़/गढ़शंकर: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने युवाओं से नशे के खिलाफ सरकार की मुहिम में भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी देश की असली ताकत है। शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और करतार सिंह सराभा जैसे वीरों ने कम उम्र में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने बताया कि भगत सिंह 23 वर्ष की आयु में और करतार सिंह सराभा केवल 19 वर्ष में शहीद हुए। ये शहीद आज भी हर भारतीय के दिल में जीवित हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह और सराभा की कुर्बानियों के कारण वे हमेशा 23 और 19 वर्ष के ही रहेंगे। करतार सिंह सराभा के परिवार के पास उस समय 300 एकड़ से अधिक भूमि थी, लेकिन उन्होंने देश प्रेम को चुना और अपने सब कुछ को देश के लिए समर्पित कर दिया। ये शहीद हमारे आदर्श हैं और हमेशा रहेंगे।


जिम्मेदारी का अहसास

मुख्यमंत्री ने गुरबानी और सूफी साहित्य का उल्लेख करते हुए युवाओं के साथ मोहम्मद मियां बख्श का एक कलाम साझा किया। उन्होंने कहा कि ईश्वर हर किसी पर जिम्मेदारी का बोझ नहीं डालता। जिनके पास सहन करने की क्षमता होती है, उन्हें ही जिम्मेदारी दी जाती है। उन्होंने युवाओं से कहा कि आज आपके ऊपर जिम्मेदारी का बोझ है, इसलिए आपको पूरी जिम्मेदारी से कार्य करना होगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबी कभी भी अपने लक्ष्यों को लेकर खाली हाथ नहीं लौटते।


कुरीतियों के खिलाफ मजबूत होना जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें हर कुरीति को रोकने के लिए मजबूती से काम करना होगा। उन्होंने अपने आदर्श बाबा जोरावार सिंह और बाबा फतेह सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपने धर्म के लिए सब कुछ बलिदान कर दिया।


मुख्यमंत्री ने अपने अतीत को याद करते हुए कहा कि जब वे कलाकार थे, तो गांवों में पैसे लेते थे, लेकिन अब मुख्यमंत्री बनकर उन्हीं गांवों में जाकर उन पैसों को सूद समेत ग्रांट के रूप में लौटाना पड़ रहा है।