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राजस्थान में नई सड़कों का निर्माण: ग्रामीण कनेक्टिविटी को बढ़ावा

राजस्थान सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के बीच बेहतर संपर्क स्थापित करने के लिए 30 नई सड़कों के निर्माण का निर्णय लिया है। यह परियोजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण के अंतर्गत आएगी। बैठक में जिला परिषद सदस्यों ने विधायक को क्षेत्र की समस्याओं के बारे में बताया और समाधान का आश्वासन दिया। जानें इस योजना के तहत किन क्षेत्रों में सड़कें बनाई जाएंगी और इससे स्थानीय लोगों को क्या लाभ होगा।
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सड़क निर्माण परियोजनाओं का विस्तार

राजस्थान में नई सड़कों का निर्माण: ग्रामीण कनेक्टिविटी को बढ़ावा

राजस्थान सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के बीच बेहतर संपर्क स्थापित करने के लिए सड़कों का जाल बिछा रही है। कई गांवों में एक-दूसरे से जुड़ने के लिए पक्की सड़कों की कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार सड़क निर्माण परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसी संदर्भ में, जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के चौथे चरण के तहत 30 नई सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया। इस बैठक की अध्यक्षता जिला प्रमुख प्रताप सिंह सोलंकी ने की, जहां जैसलमेर में नई सड़कों के निर्माण को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई।


निर्माण के लिए प्रस्तावित सड़कें


बैठक में जिन सड़कों का प्रस्ताव रखा गया, उनमें भणियाणा पंचायत समिति की 23.02 किमी लंबाई की 11 सड़कें, फतेहगढ़ की 29 किलोमीटर लंबी 6 सड़कें, जैसलमेर पंचायत समिति की 9.25 किलोमीटर लंबाई की 2 सड़कें, सम की 9.2 किलोमीटर लंबाई की 3 सड़कें, मोहनगढ़ की 6 किलोमीटर लंबाई की 1 सड़क, और सांकड़ा की 29.3 किलोमीटर लंबाई की 7 सड़कें शामिल हैं। जिला परिषद सदस्यों ने विधायक को अपने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में बताया और समाधान का आश्वासन दिया। इन नई सड़कों के निर्माण से जैसलमेर के गांवों का सीधा संपर्क स्थापित होगा, जिससे आवागमन में समय की बचत होगी।


बैठक में MLA छोटू सिंह भाटी, प्रधान तन सिंह सोढ़ा, नगर परिषद अध्यक्ष रसाल कंवर, पूर्व प्रधान भगवत सिंह तंवर, जनक सिंह फतेहगढ़, जिला परिषद सदस्य अब्दुल्ला फकीर, उत्तम सिंह बोथाना, मनोहर सिंह, और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रश्मि सिंह रानी सहित कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इस बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता एसएन वर्मा ने प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 250 या उससे अधिक ढाणियों को पक्की सड़कों से जोड़ने के प्रस्ताव प्रस्तुत किए।