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राजा भैया के बेटों ने राजनीति में रखा कदम: जानें क्या है उनकी कहानी?

उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक राजा भैया के दोनों बेटे, शिवराज और बृजराज, ने हाल ही में जनसत्ता दल में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा है। इस लेख में हम उनके राजनीतिक सफर, पिता के साथ उनके संबंध और राजा भैया पर लगे आरोपों के बारे में जानेंगे। क्या ये दोनों बेटे अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा पाएंगे? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
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राजा भैया के बेटों का राजनीतिक सफर शुरू

उत्तर प्रदेश के कुंडा से बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह, जिन्हें राजा भैया के नाम से जाना जाता है, के दोनों पुत्रों ने अब राजनीति में कदम रखा है। उनके चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह की उपस्थिति में, शिवराज प्रताप सिंह उर्फ बड़े राजा और बृजराज प्रताप सिंह उर्फ छोटे राजा को जनसत्ता दल की सदस्यता दिलाई गई। यह समारोह कुंडा के बाबूगंज स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित हुआ, जहां पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. केएन ओझा और प्रदेश अध्यक्ष विनोद सरोज भी मौजूद थे। जिलाध्यक्ष राम अचल वर्मा ने दोनों बेटों को पार्टी में शामिल किया।


पिता के साथ राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय

राजा भैया के परिवार में दो बेटियां और दो बेटे हैं, जिनमें सभी जुड़वा हैं। हालांकि, पत्नी भानवी सिंह के साथ विवाद के कारण बेटियां अपनी मां के पास रहती हैं, जबकि दोनों बेटे अपने पिता के साथ हैं। जनसत्ता दल में शामिल होने से पहले भी, ये दोनों बेटे अक्सर अपने पिता के राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेते थे और लखनऊ की यात्राएं भी करते थे। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान, दोनों ने अपने पिता के प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाई थी।


राजा भैया पर लगे आरोपों का खंडन

बड़े राजा और छोटे राजा का जन्म 2003 में हुआ, जब राजा भैया को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती द्वारा पोटा (प्रिवेंशन ऑफ टेररिस्ट एक्ट) के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। राजा भैया उस समय दस महीने तक जेल में रहे और अपने दोनों बेटों से नहीं मिल पाए। उस समय प्रदेश में भाजपा और मायावती की सरकार थी, लेकिन बाद में मुलायम सिंह यादव ने सरकार बनाई और राजा भैया पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया। मुलायम सिंह ने उन्हें मंत्री भी बनाया।