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शिरोमणि अकाली दल ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़ने के कदम की निंदा की

शिरोमणि अकाली दल ने हरियाणा को 8500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने के निर्णय की कड़ी निंदा की है। पार्टी के नेताओं ने इसे संघवाद के खिलाफ बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने जल बंटवारे में पंजाब के साथ भेदभाव का आरोप लगाया और केंद्र सरकार से बीबीएमबी के पुनर्गठन को चुनौती देने का आह्वान किया। इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
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शिरोमणि अकाली दल ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़ने के कदम की निंदा की

हरियाणा के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्णय विवादित

चंडीगढ़- शिरोमणि अकाली दल ने आज स्पष्ट किया कि हरियाणा को 8500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्णय संघवाद के खिलाफ है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। जल बंटवारे पर आयोजित सर्वदलीय बैठक में शामिल वरिष्ठ अकाली नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ और डाॅ दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के साथ पहले भी भेदभाव किया गया है, जिसमें पड़ोसी राज्यों को मनमाने तरीके से दरिया का पानी दिया गया है। उन्होंने कहा, “अब भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने पंजाब सरकार से मंजूरी लिए बिना हरियाणा को उसके कोटे से अधिक पानी आवंटित कर दिया है। इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए बीबीएमबी के अधिकारियों को भी बदला जा रहा है।”


अकाली नेताओं ने केंद्र सरकार द्वारा बीबीएमबी के पुनर्गठन को चुनौती देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को बीबीएमबी के पुनर्गठन को अदालत में चुनौती देनी चाहिए थी। ऐसा न करने के कारण ही पंजाब के साथ वर्तमान में अन्याय हुआ है। उन्होंने बीबीएमबी में पंजाब के अधिकारों को कमजोर करने के लिए महत्वपूर्ण पदों से हटाने की प्रक्रिया की भी निंदा की है। भूंदड़ और डाॅ चीमा ने चंडीगढ़ के स्टेटस, चंडीगढ़ में नियुक्तियों के मामले में पंजाब के साथ भेदभाव और पंजाबी भाषा को लागू न करने सहित राज्य के सभी विवादास्पद मुद्दों पर केंद्र के साथ व्यापक चर्चा का आह्वान किया है।