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हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर: 20 गांवों को मिलेगा लाभ, जानें सरकार की योजना

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (HORC) एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जो 130 किलोमीटर लंबा होगा और 20 गांवों को सीधे लाभ पहुंचाएगा। यह कॉरिडोर न केवल स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर खोलेगा, बल्कि औद्योगिक विकास को भी गति देगा। इस परियोजना में नए रेलवे स्टेशन और बेहतर कनेक्टिविटी शामिल है, जो क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जानें इस प्रोजेक्ट की विशेषताएँ और स्थानीय लोगों के लिए क्या अवसर उपलब्ध हैं।
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हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर: 20 गांवों को मिलेगा लाभ, जानें सरकार की योजना

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर: विकास और रोजगार के नए अवसर

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर: 20 गांवों को लाभ, जानें सरकार की योजना: हरियाणा में विकास और रोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं। हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (HORC) न केवल राज्य के विभिन्न जिलों को जोड़ने का कार्य करेगा, बल्कि बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अनगिनत अवसर भी प्रदान करेगा।


यह 130 किलोमीटर लंबा रेल कॉरिडोर खरखौदा सहित 20 गांवों से होकर गुजरेगा और औद्योगिक विकास को नई गति देगा। दिल्ली के चारों ओर बनने वाला यह इंडस्ट्रियल रेल रिंग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में यातायात और रोजगार की नई संभावनाएं खोलेगा। आइए, इस महत्वाकांक्षी परियोजना की पूरी जानकारी जानते हैं।


20 गांवों को मिलेगा सीधा लाभ

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर खरखौदा और इसके आसपास के 20 गांवों से होकर गुजरेगा, जिनमें किड़ौली, पाई, पहलादपुर, बरोणा, गोपालपुर, पिपली, थाना कलां, तुर्कपुर, मंडोरी, मंडोरा, नाहरा, मल्हामाजरा, छतेहरा बहादुरपुर, जगदीशपुर, नसीरपुर बांगर, हरसाना खुर्द, हरसाना कलां, और अकबरपुर बारोटा शामिल हैं।


इन गांवों में भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है। यह कॉरिडोर स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के साथ-साथ बेहतर कनेक्टिविटी का भी वादा करता है, जो उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाएगा।


हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर: विशेषताएँ

यह रेल कॉरिडोर 130 किलोमीटर लंबा होगा और पलवल से शुरू होकर सोहना, मानेसर, बहादुरगढ़, और खरखौदा होते हुए सोनीपत तक पहुंचेगा। मानेसर से पाटली तक प्राथमिक खंड पर काम तेजी से चल रहा है, जबकि सोनीपत और झज्जर में भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है।


इस दोहरी रेल लाइन पर यात्री और मालगाड़ियां दोनों चलेंगी। प्रोजेक्ट में दो रेलवे फ्लाईओवर और 153 अंडरपास शामिल हैं, जो सड़क और रेल यातायात के बीच सुचारू तालमेल सुनिश्चित करेंगे। यह कॉरिडोर हरियाणा के औद्योगिक और परिवहन ढांचे को मजबूत करेगा।


हरसाना कलां: महत्वपूर्ण जंक्शन

हरसाना कलां में एक नया रेलवे जंक्शन बनाया जाएगा, जो इस कॉरिडोर को दिल्ली-पानीपत मेन लाइन से जोड़ेगा। यह जंक्शन पारंपरिक रेल नेटवर्क के साथ एकीकरण का केंद्र होगा।


इसके अलावा, पिपली और तुर्कपुर में नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जो स्थानीय यात्रियों को सीधा लाभ पहुंचाएंगे। ये स्टेशन क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाएंगे और यात्रा को और सुविधाजनक बनाएंगे।


खरखौदा आईएमटी के लिए गेम चेंजर

खरखौदा में विकसित हो रही इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (IMT) पहले से ही केएमपी एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग 334बी व 334पी से जुड़ी है।


अब ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के जुड़ने से यह क्षेत्र एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब बनने की राह पर है। मारुति-सुजुकी जैसी ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए यह रेल मार्ग कच्चे माल की आपूर्ति और तैयार माल को देश-विदेश भेजने का एक कुशल जरिया बनेगा। यह कॉरिडोर मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे उद्योगों को सड़क और रेल दोनों का लाभ मिलेगा।


20 नए रेलवे स्टेशन

केएमपी एक्सप्रेसवे के समानांतर बनने वाले इस रेल कॉरिडोर में 20 नए रेलवे स्टेशन होंगे, जिनमें मानेसर, पाटली, सुल्तानपुर, न्यू पाटली, पंचगांव, चंदला डूंगरवास, धूलावत, मांडौठी जंक्शन, आइएमटी सोहना, सिलानी, पृथला, बाढ़सा, देवरखाना, बादली, पिपली, आसौदा, न्यू आसौदा, जसौर खेड़ी, न्यू हरसाना कलां, और तुर्कपुर शामिल हैं। ये स्टेशन क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देंगे और स्थानीय लोगों के लिए यात्रा को आसान बनाएंगे।


औद्योगिक क्षेत्रों को मिलेगा बढ़ावा

यह प्रोजेक्ट न केवल सोनीपत, बल्कि गुरुग्राम, मानेसर, फर्रुखनगर, बहादुरगढ़, और सोहना जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को भी लाभ पहुंचाएगा।


पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसे हरियाणा के औद्योगिक विकास की रीढ़ बताया था, जबकि वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसे क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर करार दिया है। यह कॉरिडोर उद्योगों को नए बाजारों तक पहुंचाएगा और निवेश को आकर्षित करेगा।


परिवहन में क्रांति

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केएमपी) के समानांतर बन रहा है। यह सड़क और रेल के समन्वय से परिवहन की नई परिभाषा गढ़ेगा। भारी वाहनों का दिल्ली में प्रवेश कम होगा, और माल की ढुलाई तेज और कुशल होगी। यह प्रोजेक्ट NCR के परिवहन ढांचे को मजबूत करेगा और क्षेत्र को एक वैश्विक लॉजिस्टिक हब के रूप में स्थापित करेगा।


स्थानीय लोगों के लिए सलाह

स्थानीय निवासियों और बेरोजगार युवाओं को सलाह दी जाती है कि वे इस प्रोजेक्ट से जुड़े रोजगार अवसरों पर नजर रखें।


रेलवे स्टेशनों, लॉजिस्टिक्स, और औद्योगिक इकाइयों में नौकरियों की संभावनाएं बढ़ेंगी। साथ ही, भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोग सरकार से उचित मुआवजे की जानकारी लें। यह प्रोजेक्ट हरियाणा के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा।