हरियाणा कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक: संगठनात्मक बदलाव और आंदोलन की रणनीति पर चर्चा
हरियाणा कांग्रेस की बैठक 22 अप्रैल को दिल्ली में
हरियाणा कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव और विधायक दल के नेता के चयन में देरी से उपजी नाराजगी को दूर करने के लिए पार्टी हाईकमान ने कमर कस ली है। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने 22 अप्रैल को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें प्रदेश के सभी प्रमुख नेता, सांसद, और विधायक शामिल होंगे। इस बैठक में न केवल संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा होगी, बल्कि भाजपा के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी।
दिल्ली में होगी कांग्रेस की बड़ी बैठक
हरियाणा कांग्रेस के सामने इस समय संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और विधायक दल के नेता के चयन जैसे अहम मुद्दे हैं। इन मुद्दों पर चल रही देरी ने कई विधायकों में असंतोष पैदा किया है। इसे देखते हुए बीके हरिप्रसाद ने 22 अप्रैल को शाम 3 बजे नई दिल्ली के इंदिरा भवन में एक बैठक का आयोजन किया है। इस बैठक में हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान, पूर्व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज, चौधरी रामकिशन गुर्जर, और सुरेश गुप्ता मतलौडा जैसे दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे। इसके अलावा, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुमारी सैलजा, सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, सतपाल ब्रह्मचारी, वरुण मुलाना, और जयप्रकाश जेपी को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है।
संगठन और आंदोलन पर होगी चर्चा
इस बैठक का दायरा केवल नेताओं तक सीमित नहीं है। सभी लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ चुके उम्मीदवारों, कांग्रेस विधायकों, और पार्टी के अग्रणी संगठनों व विभागों के प्रमुखों को भी शामिल होने के लिए कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में हरियाणा में कांग्रेस के संगठन को नया रूप देने, विधायक दल के नेता के चयन, और भाजपा सरकार के खिलाफ प्रभावी आंदोलन शुरू करने पर गहन विचार-विमर्श होगा। बीके हरिप्रसाद पिछले कुछ समय से राज्य में संगठन को मजबूत करने की कवायद में जुटे हैं, लेकिन विधायक दल के नेता का चयन अभी तक लंबित है, जिससे पार्टी के भीतर कुछ तनाव देखा जा रहा है।
विधायकों की नाराजगी दूर करने की कोशिश
हरियाणा कांग्रेस में विधायकों की नाराजगी कोई नई बात नहीं है। संगठनात्मक ढांचे में देरी और नेतृत्व के चयन को लेकर कई विधायक अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। यह बैठक इस असंतोष को दूर करने और पार्टी को एकजुट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में न केवल संगठन के प्रारूप पर चर्चा होगी, बल्कि विधायक दल के नेता के नाम पर भी सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही, हरियाणा में भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ एक मजबूत आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी, ताकि कांग्रेस जनता के बीच अपनी मौजूदगी को और मजबूत कर सके।
जनता के लिए कांग्रेस की प्रतिबद्धता
हरियाणा में कांग्रेस हमेशा से किसानों, मजदूरों, और आम जनता के मुद्दों को उठाने वाली पार्टी रही है। इस बैठक के जरिए पार्टी न केवल अपने संगठन को मजबूत करना चाहती है, बल्कि जनता के हितों से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति भी बनाना चाहती है। अगर आप हरियाणा की राजनीति में रुचि रखते हैं, तो इस बैठक के नतीजों पर नजर रखें, क्योंकि यह कांग्रेस के भविष्य की दिशा तय कर सकती है।