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हरियाणा के किसानों के लिए महत्वपूर्ण सूचना: 1 मई तक करें फसल नुकसान का दावा

हरियाणा के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है कि उन्हें 1 मई तक अपने फसल नुकसान के दावे ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। आग की घटनाओं के कारण गेहूं की फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है। सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की है। जानें किस प्रकार प्रभावित किसान अपने दावे कर सकते हैं और राहत प्राप्त कर सकते हैं।
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हरियाणा के किसानों के लिए जरूरी सूचना

हरियाणा में किसानों के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक हो सकती है। हाल ही में आग की घटनाओं के कारण गेहूं की फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए, राज्य सरकार ने किसानों को 1 मई तक फसल नुकसान के दावे ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। यह कदम उन किसानों के लिए राहत का एक रास्ता खोल सकता है, जिन्हें आग की घटनाओं ने प्रभावित किया है। यदि आप भी प्रभावित किसानों में शामिल हैं, तो समय सीमा का पालन करना न भूलें, क्योंकि इसके बिना आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।


आग की घटनाओं से प्रभावित फसलें

हरियाणा के विभिन्न जिलों में इस वर्ष आग की घटनाओं ने गेहूं की फसलों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। कृषि विभाग के अनुसार, 7 जिलों के 102 गांवों में 814 एकड़ से अधिक गेहूं की फसल बर्बाद हुई है, जिससे 312 किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। इन घटनाओं ने न केवल किसानों की मेहनत को बर्बाद किया है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी कमजोर किया है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फसल नुकसान की भरपाई के लिए प्रक्रिया शुरू की है।


सरकार का निर्देश: ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर करें दावा

वित्तीय आयुक्त (राजस्व) सुमित मिश्रा ने कुरुक्षेत्र, सिरसा, फतेहाबाद, चरखी दादरी, यमुनानगर, कैथल, और रोहतक के जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रभावित किसानों को अपने फसल नुकसान के दावे ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इस पोर्टल के माध्यम से सरकार नुकसान का आकलन करेगी और किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करने का निर्णय लेगी। जितनी जल्दी किसान अपने दावे दर्ज करेंगे, उतनी ही जल्दी सरकार राहत राशि जारी कर सकेगी।


प्रभावित जिले और गांव

आग की घटनाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित 7 जिले हैं: कुरुक्षेत्र, सिरसा, फतेहाबाद, चरखी दादरी, यमुनानगर, कैथल, और रोहतक। इन जिलों के 102 गांवों में गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचा है। यदि आप इनमें से किसी भी जिले के किसान हैं और आपकी फसल को नुकसान हुआ है, तो तुरंत अपने नजदीकी कृषि कार्यालय या तहसील से संपर्क करें। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दावा अपलोड करने के लिए आपको अपने नुकसान का विवरण, जैसे प्रभावित क्षेत्र, फसल का प्रकार, और नुकसान की तारीख, स्पष्ट रूप से दर्ज करना होगा।


किसानों के लिए सलाह

किसानों को सलाह दी जाती है कि वे 1 मई की समय सीमा से पहले अपने दावे अपलोड कर लें, क्योंकि देरी से मुआवजा मिलने में समस्या हो सकती है। अपने दावे को मजबूत करने के लिए नुकसान की तस्वीरें, खेत का सर्वे नंबर, और अन्य जरूरी दस्तावेज तैयार रखें। यदि आपको पोर्टल पर दावा अपलोड करने में कोई परेशानी हो, तो स्थानीय कृषि अधिकारी या पंचायत कार्यालय से मदद लें। सरकार का यह प्रयास किसानों के हित में है, और समय पर कार्रवाई से आप जल्द से जल्द राहत प्राप्त कर सकते हैं।


समय पर कार्रवाई, किसानों की सुरक्षा

हरियाणा सरकार का यह कदम उन किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जिन्होंने आग की घटनाओं में अपनी मेहनत खो दी। 1 मई तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल नुकसान का दावा अपलोड करके आप मुआवजे का लाभ उठा सकते हैं। कुरुक्षेत्र, सिरसा, फतेहाबाद, और अन्य प्रभावित जिलों के किसान बिना देर किए यह जरूरी काम निपटा लें। सरकार आपके साथ है, और यह आपका हक है कि आपको अपने नुकसान की भरपाई मिले। इस जानकारी को अपने साथी किसानों के साथ साझा करें, ताकि कोई भी इस अवसर से वंचित न रहे।


नोट

यह जानकारी सरकारी निर्देशों और उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है। दावा अपलोड करने से पहले स्थानीय अधिकारियों से पुष्टि करें।