हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों की गुंडागर्दी: युवक का अपहरण और पिटाई

हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों की गुंडागर्दी
हरियाणा के जींद जिले में रोडवेज कर्मचारियों की गुंडागर्दी ने एक युवक को अपहरण, पिटाई और मोबाइल छीनने का शिकार बना दिया। किलाजफरगढ़ गांव में हुई इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। अब यह मामला पुलिस जांच के दायरे में है, और ग्रामीण सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
दहशत की शुरुआत
सुमित नामक युवक ने जुलाना पुलिस को बताया कि सोमवार दोपहर वह एनएच 352 के पास जलघर में पानी पीने गया था। तभी एक रोडवेज बस आई, जिसके चालक और परिचालक ने उसे जबरन बस में खींच लिया।
उसे रोहतक बस स्टैंड ले जाया गया, जहां रास्ते में उसका मोबाइल छीन लिया गया और वहां पहुंचने पर उसकी लोहे की पाइप से पिटाई की गई। इस घटना ने न केवल सुमित को डरा दिया, बल्कि गांव में दहशत का माहौल भी बना दिया।
पुलिस के पास और धमकी
मारपीट के बाद, रोडवेज कर्मचारियों ने सुमित को डायल 112 पर कॉल कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने उसे कुछ समय चौकी में रखा और फिर छोड़ दिया। सुमित का कहना है कि चालक और परिचालक ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी।
इस घटना ने रोडवेज कर्मचारियों की मनमानी को उजागर किया है। जुलाना पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
ग्रामीणों का गुस्सा
किलाजफरगढ़ के निवासी लंबे समय से रोडवेज बसों की अनुचित गतिविधियों से परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि एनएच 352 पर बसों को फ्लाईओवर के नीचे से ले जाने के बजाय, चालक उन्हें ऊपर से ले जाते हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ता है।
इस मुद्दे पर गांववाले पहले ही जींद और रोहतक के रोडवेज जीएम और सीएम विंडो पर शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुमित के साथ हुई इस घटना के बाद, ग्रामीणों ने फिर से जुलाना पुलिस थाने में जाकर मामले की गहन जांच की मांग की है।
गुंडागर्दी पर सवाल
यह घटना केवल एक युवक के साथ हुई हिंसा की कहानी नहीं है, बल्कि यह सवाल उठाती है कि क्या सार्वजनिक परिवहन से जुड़े कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी भूलकर गुंडागर्दी पर उतर आए हैं?
सुमित जैसे आम नागरिकों के साथ ऐसी घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं, बल्कि समाज में असुरक्षा की भावना को भी बढ़ाती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर रोडवेज कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं।
आगे की कार्रवाई
जुलाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या इस घटना के दोषियों को सजा मिलेगी? ग्रामीणों की मांग है कि रोडवेज कर्मचारियों की मनमानी पर लगाम लगाई जाए और सड़कों पर आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि सिस्टम में बदलाव की कितनी जरूरत है, ताकि कोई भी नागरिक ऐसी गुंडागर्दी का शिकार न बने।