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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने समितियों को प्रभावी बनाने के लिए दिए सुझाव

हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने नवगठित समितियों के सदस्यों के साथ बैठक में कार्यप्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने सदस्यों को विधायिका की गरिमा बढ़ाने के लिए आवश्यक जानकारी साझा की और बैठक की तैयारी के महत्व पर जोर दिया। कल्याण ने समितियों के उद्देश्य और कार्यक्षेत्र पर भी चर्चा की, जिससे जनता की समस्याओं का समाधान किया जा सके। जानें इस बैठक में और क्या महत्वपूर्ण बातें हुईं।
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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने समितियों को प्रभावी बनाने के लिए दिए सुझाव

हरियाणा विधानसभा की नई समितियों की बैठक

चंडीगढ़/चंद्र शेखर धरणी – हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने शुक्रवार को सेक्टर 3 स्थित हरियाणा निवास में नवगठित समितियों के सभापतियों, सदस्यों और अधिकारियों के साथ बैठक की। इस अवसर पर उन्होंने समितियों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए और सदस्यों को विधायिका की गरिमा को बढ़ाने के लिए आवश्यक जानकारी साझा की। कल्याण ने कहा कि समितियां सदन का लघु रूप हैं, इसलिए इनकी कार्यप्रणाली सदन की गरिमा के अनुरूप होनी चाहिए। उन्होंने सभापतियों, सदस्यों और अधिकारियों से सुझाव भी मांगे। बैठक में विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिड्?ढा सहित कई विधायक उपस्थित थे।


अध्यक्ष ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे बैठकों की तैयारी में मेहनत करें। उन्होंने कहा कि होमवर्क और एजेंडे के आधार पर की गई तैयारी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जिससे समितियों और सदस्यों का प्रभाव बढ़ता है और कार्य की गुणवत्ता में सुधार होता है। उन्होंने सुझाव दिया कि समितियों की कार्यवाही को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए बैठकों का कैलेंडर तैयार किया जाए। विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर अच्छी तैयारी की जाए और एजेंडे पर प्रश्नावली तैयार करते समय संभावित पूरक सवालों की सूची बनाई जाए।


बैठक में, विस अध्यक्ष ने कहा कि समितियों का मुख्य उद्देश्य जनता की सेवा और उनकी समस्याओं का समाधान करना है। वे जनता के अधिकारों का संरक्षण और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम करती हैं। इसके लिए सदस्यों को विधानसभा सचिवालय के साथ तालमेल बनाकर काम करना चाहिए।


उन्होंने सदस्यों को समय पर एजेंडा प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सदस्यों को अपने पद की गरिमा बनाए रखते हुए समितियों को प्रभावी बनाना चाहिए। उन्होंने सदस्यों और अधिकारियों को विधानसभा पुस्तकालय का उपयोग करने के लिए भी प्रेरित किया। ये समितियां भविष्य के सभापति, पीठासीन अधिकारी और मंत्रियों को तैयार करने का प्लेटफार्म हैं। सभी कर्मचारियों को सदस्यों के साथ शिष्टाचार और गरिमा का ध्यान रखना चाहिए।


हरविन्द्र कल्याण ने समिति अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संबंधित सभापतियों के साथ बैठक के अलावा संसदीय सुधारों पर विस्तृत चर्चा करें। समितियों की पहली बैठक परिचयात्मक होनी चाहिए, जिसमें कार्यक्षेत्र, दायित्व और अपेक्षाओं पर चर्चा की जाए। सभापतियों और सदस्यों को पूरा सहयोग प्रदान करें और बेहतर योजना के साथ एजेंडा और प्रश्नावली तैयार करें।


उन्होंने इंदौर शहर की सफाई व्यवस्था और केरल विधानसभा की कार्यप्रणाली का उदाहरण देते हुए कहा कि अध्ययन दौरों के दौरान अपने प्रदेश और अन्य प्रदेशों की व्यवस्थाओं का तुलनात्मक अध्ययन करना फायदेमंद होगा। सिंचाई और खेल जैसे विषयों पर नए विचार लाने की आवश्यकता है, जिससे राज्य में सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें। विस अध्यक्ष ने कहा कि हरियाणा विधानसभा भविष्य में पर्यावरण और युवा कल्याण जैसे विषयों पर विशेष दायित्व के साथ काम करेगी।


सभापतियों की बैठक को संबोधित करते हुए कल्याण ने कहा कि समिति की बैठकों की कार्यवाही के बारे में सभापतियों की जिम्मेदारियां और शक्तियां सदन में अध्यक्ष की तरह होती हैं। इसलिए सभी बैठकों को गंभीरता से लेना चाहिए और अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठकों को औपचारिकता के रूप में नहीं लेना चाहिए और अधिक से अधिक हाजिरी सुनिश्चित करनी चाहिए।