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2 मई 2025 का पंचांग: शुभ मुहूर्त और धार्मिक कार्य

2 मई 2025 का पंचांग धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह दिन वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, जो वैभव लक्ष्मी व्रत के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिन किए गए दान और पूजा से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। जानें आज के शुभ मुहर्त, विशेष कार्य और सावधानियों के बारे में, जो आपके दिन को और भी मंगलमय बना सकते हैं।
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2 मई 2025 का पंचांग: शुभ मुहूर्त और धार्मिक कार्य

2 मई 2025 का पंचांग: विशेष तिथि और महत्व

2 मई 2025 का पंचांग: यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, जो वैभव लक्ष्मी व्रत और भगवान विष्णु की उपासना के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिन किए गए दान और पूजा से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए, आज के पंचांग, शुभ मुहूर्त और विशेष कार्यों पर एक नजर डालते हैं, जो आपके दिन को और भी मंगलमय बना सकते हैं।


आज की तिथि और विशेषताएँ

आज पिंगला विक्रम संवत 2082 में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, जो सुबह 9:15 बजे तक रहेगी, इसके बाद षष्ठी तिथि शुरू होगी। यह शुक्रवार का दिन है, जो वैभव लक्ष्मी व्रत के लिए विशेष महत्व रखता है। सूर्य मेष राशि में और चंद्रमा मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं। नक्षत्र आद्रा दोपहर 1:06 बजे तक रहेगा, फिर पुनर्वसु शुरू होगा। आज का योग धृति और करण बालव (रात 12:15 बजे तक) व कौलव है। सूर्योदय सुबह 5:40 बजे और सूर्यास्त शाम 6:56 बजे होगा।


शुभ मुहूर्त: कार्यों के लिए सही समय

आज के शुभ मुहूर्त आपके महत्वपूर्ण कार्यों को सफल बनाने में सहायक होंगे। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:58 से 12:49 बजे तक रहेगा, जो किसी भी कार्य को आरंभ करने के लिए उत्तम है। विजय मुहूर्त दोपहर 2:21 से 3:24 बजे तक और गोधुली मुहर्त शाम 6:23 से 7:22 बजे तक रहेगा। ब्रह्म मुहर्त सुबह 4:05 से 5:09 बजे तक है, जो ध्यान और पूजा के लिए सर्वोत्तम है। अमृत काल सुबह 6:02 से 7:43 बजे तक और निशीथ काल रात 11:41 से 12:21 बजे तक रहेगा। संध्या पूजन का समय शाम 6:21 से 7:09 बजे तक है। इन मुहूर्तों में किए गए कार्य विशेष फलदायी होंगे।


पुण्यदायी कार्य: क्या करें

इस पवित्र दिन पर कुछ विशेष कार्य आपके जीवन में सुख और शांति ला सकते हैं। शालिग्राम भगवान की पूजा और श्री रामरक्षास्तोत्र का पाठ ब्रह्म मुहर्त में करें। गौशाला में गाय को केला, रोटी, गुड़ या पालक खिलाएं, इससे अखंड पुण्य मिलता है। भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर उनकी चार परिक्रमा करें। तिल, केला, फल और चने की दाल का दान करें।


श्री सूक्त और कनकधारा स्तोत्र का 16 बार पाठ करने से धन-समृद्धि बढ़ती है। पत्नी को स्वर्ण या हीरे का आभूषण भेंट करने से शुक्र ग्रह का शुभ प्रभाव बढ़ता है। पक्षियों को दाना-पानी देना भी शुभ है। किसी पवित्र नदी में स्नान और धार्मिक पुस्तकों का दान पुण्यदायी होगा।


सावधानियाँ: क्या न करें

आज वाणी की मर्यादा बनाए रखें। कटु शब्दों और विवादों से बचें, क्योंकि यह आपकी सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित कर सकता है। पश्चिम दिशा में यात्रा से बचें, क्योंकि आज दिशा शूल इसी दिशा में है। यदि यात्रा आवश्यक हो, तो एक दिन पहले प्रस्थान करें।


आज का दिन मन को सात्विक और निर्मल रखने का है। छोटे-छोटे पुण्य कार्य, जैसे दान, पूजा और प्रकृति के प्रति प्रेम, आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। यह दिन न केवल धार्मिक कार्यों के लिए, बल्कि आत्म-चिंतन और परिवार के साथ समय बिताने के लिए भी आदर्श है। इन उपायों को अपनाकर आप अपने दिन को और भी शुभ बना सकते हैं।