2026 में CNG और PNG की कीमतों में कमी: उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
गैस टैरिफ में महत्वपूर्ण बदलाव
नए साल 2026 की शुरुआत में, देश के करोड़ों उपभोक्ताओं के लिए एक सुखद समाचार सामने आया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने गैस टैरिफ प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए दरों के युक्तिकरण की घोषणा की है।
CNG और PNG की कीमतों में कमी
इस निर्णय का प्रभाव CNG (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) और PNG (पाइप्ड नेचुरल गैस) की कीमतों पर पड़ेगा, जिसमें प्रति यूनिट लगभग 2 से 3 रुपये की कमी की संभावना है। महंगाई के इस दौर में, यह राहत आम जनता के बजट को संभालने में मददगार साबित होगी।
पहले, गैस टैरिफ की गणना तीन अलग-अलग जोनों के आधार पर की जाती थी, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में कीमतों में बड़ा अंतर देखने को मिलता था। PNGRB ने इस जटिल प्रणाली को सरल बनाते हुए जोनों की संख्या को घटाकर दो कर दिया है। बोर्ड के सदस्य ए.के. तिवारी के अनुसार, नए ढांचे के तहत देशभर के CNG और घरेलू PNG उपभोक्ताओं के लिए 'जोन-1' लागू किया गया है। इस जोन में टैरिफ की दर अब 54 रुपये निर्धारित की गई है, जबकि पहले यह दर 80 से 107 रुपये तक जाती थी। इस बदलाव से उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ कम होगा और ईंधन खर्च में सीधी बचत होगी।
गैस वितरण कंपनियों को मिलेगा लाभ
इस नए टैरिफ ढांचे का लाभ देशभर में कार्यरत 40 सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) कंपनियों के अंतर्गत आने वाले 312 भौगोलिक क्षेत्रों को मिलेगा। CNG से चलने वाले वाहन जैसे निजी कारें, ऑटो रिक्शा और सार्वजनिक बसें अब कम लागत में चल सकेंगी। वहीं, घरेलू रसोई में इस्तेमाल होने वाली PNG के सस्ते होने से परिवारों का मासिक खर्च भी घटेगा, जिसका सकारात्मक असर घरेलू बजट पर पड़ेगा।
PNGRB की भूमिका
PNGRB ने यह भी स्पष्ट किया है कि टैरिफ में की गई कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचना चाहिए। बोर्ड कंपनियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगा ताकि कोई भी ऑपरेटर कीमतों में कमी को रोक न सके। ए.के. तिवारी के अनुसार, नियामक का उद्देश्य उपभोक्ताओं और गैस कंपनियों के बीच संतुलन बनाए रखना है और इसी दिशा में यह कदम उठाया गया है।
इसके अलावा, कई राज्यों ने वैट (VAT) दरों में कटौती की है और गैस से जुड़ी परियोजनाओं के लिए मंजूरी की प्रक्रिया को भी सरल बनाया है। इन सुधारों से देशभर में गैस इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विस्तार हो रहा है, जिससे आने वाले समय में स्वच्छ और किफायती ऊर्जा की पहुंच और मजबूत होने की उम्मीद है।
