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AIMIM का नया कदम: बिहार में महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा

बिहार चुनाव को लेकर AIMIM ने महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है, जिससे चुनावी परिदृश्य में बदलाव आ सकता है। ओवैसी की पार्टी ने RJD और कांग्रेस के विधायकों से संपर्क किया है। AIMIM पर अक्सर बीजेपी की B टीम होने का आरोप लगता रहा है, लेकिन इस बार पार्टी कुछ नया करने की कोशिश कर रही है। तेजस्वी यादव से संपर्क के बाद, AIMIM सीमांचल में अपनी स्थिति को मजबूत करने की योजना बना रही है। क्या यह कदम महागठबंधन को और मजबूत करेगा? जानें पूरी कहानी में।
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AIMIM का नया कदम: बिहार में महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा

बिहार चुनाव में AIMIM का नया दांव

बिहार समाचार: बिहार चुनाव को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने एक नया कदम उठाया है। ओवैसी की पार्टी ने महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है। इस कदम से महागठबंधन की स्थिति बिहार में और मजबूत हो सकती है। हालांकि, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के नेताओं की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।


बीजेपी की B टीम का आरोप

ओवैसी की पार्टी AIMIM पर अक्सर बीजेपी की B टीम होने का आरोप लगता रहा है। इस बार पार्टी चुनाव में कुछ नया करने की योजना बना रही है। जानकारी के अनुसार, AIMIM की बिहार इकाई ने हाल ही में RJD और कांग्रेस के कुछ विधायकों से संपर्क किया है। ओवैसी की इस इच्छा को महागठबंधन के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। यदि AIMIM महागठबंधन में शामिल होती है, तो बिहार में चुनावी मुकाबला एकतरफा हो सकता है।


तेजस्वी यादव से संपर्क

AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और अमौर विधायक अख्तरुल ईमान ने बताया कि उनकी पार्टी ने RJD नेता तेजस्वी यादव से उनके करीबी विधायकों के माध्यम से संपर्क किया है। तेजस्वी को पार्टी के प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी गई है। उनका कहना है कि AIMIM की विचारधारा बीजेपी को हराने और बिहार के विकास के लिए है। ओवैसी का लक्ष्य भाजपा को पराजित करना और बिहार को सशक्त बनाना है। उन्होंने यह भी कहा कि कम सीटों पर समझौता करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते सीमांचल की प्रमुख सीटों पर उनके उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का अवसर मिले।


सीमांचल में AIMIM की स्थिति

सूत्रों के अनुसार, AIMIM ने 2020 के विधानसभा चुनावों में बिहार में पांच सीटों पर जीत हासिल की थी, जो सभी सीमांचल क्षेत्र की थीं। इनमें अमौर, कोचाधामन, जोकीहाट, बैसी और बहादुरगंज शामिल हैं। इस बार भी पार्टी ने बिहार की 50 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है। यदि पार्टी महागठबंधन में शामिल होती है, तो ये सीटें कम हो सकती हैं।