Alaska Summit: ट्रंप और पुतिन की पहली मुलाकात, क्या होगा यूक्रेन का भविष्य?

Alaska Summit: ट्रंप का पुतिन पर बयान
Alaska Summit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में कहा कि वे उनके साथ कोई धोखा नहीं कर सकते। यह टिप्पणी उस समय आई जब दोनों नेता अलास्का में एक उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन में मिलने वाले थे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यूक्रेन में युद्धविराम को सुनिश्चित करना है।
2018 के बाद पहली आमने-सामने मुलाकात
यह मुलाकात शुक्रवार को अमेरिकी सैन्य अड्डे पर होगी और यह ट्रंप और पुतिन के बीच 2018 के बाद पहली सीधी बातचीत होगी। व्हाइट हाउस में मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि रूस की नजरें यूक्रेन के क्षेत्रीय नियंत्रण पर हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी उपस्थिति में रूस की योजनाएं सफल नहीं होंगी। ट्रंप ने कहा कि यदि वे राष्ट्रपति नहीं होते, तो रूस पहले ही पूरे यूक्रेन पर कब्जा कर चुका होता। उन्होंने कहा कि यह युद्ध कभी नहीं होना चाहिए था, लेकिन जब तक वे राष्ट्रपति हैं, पुतिन उनके साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकते।
यूरोपीय नेताओं को बुलाने की योजना
ट्रंप ने यह भी बताया कि वे दूसरे दौर की वार्ता के लिए यूरोपीय नेताओं को आमंत्रित करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की की उपस्थिति भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि अलास्का बैठक पुतिन और ज़ेलेंस्की के बीच सीधी बातचीत का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। इसके लिए तीन संभावित स्थानों पर चर्चा चल रही है। ट्रंप को उम्मीद है कि यह प्रक्रिया शांति बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी।
शिखर सम्मेलन का कार्यक्रम
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि शुक्रवार को होने वाले शिखर सम्मेलन में कई चरण होंगे। इसमें ट्रंप और पुतिन के बीच व्यक्तिगत मुलाकात, दोनों देशों के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय लंच और एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस शामिल होगी। इस बैठक को लेकर वैश्विक स्तर पर उत्सुकता है, क्योंकि यह अमेरिका और रूस के रिश्तों की दिशा तय कर सकती है और यूक्रेन युद्ध पर भी प्रभाव डाल सकती है।
पुतिन ने ट्रंप की कोशिशों की सराहना की
क्रेमलिन ने भी इस मुलाकात को सकारात्मक संकेत माना है। पुतिन ने युद्ध समाप्त करने के लिए ट्रंप के ईमानदार प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने अपने अधिकारियों से कहा कि वाशिंगटन लड़ाई रोकने के लिए सक्रिय और ईमानदार प्रयास कर रहा है। यह बयान इस बात का संकेत है कि रूस भी कूटनीतिक समाधान की तलाश में है।