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BJP की महत्वपूर्ण बैठक: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार का चयन

भारतीय जनता पार्टी ने 17 अगस्त 2025 को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के चयन हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, और अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। चर्चा में संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया गया, जिसमें बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत शामिल हैं। एनडीए के पास 422 सांसदों का समर्थन है, जिससे यह लगभग तय है कि उनका उम्मीदवार भारी बहुमत से जीत सकता है। देश की निगाहें अब भाजपा के निर्णय पर टिकी हुई हैं।
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BJP की महत्वपूर्ण बैठक: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार का चयन

BJP संसदीय बोर्ड की बैठक का आयोजन

BJP Parliamentary Board meeting : भारतीय जनता पार्टी ने 17 अगस्त 2025 को अपने संसदीय बोर्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसका मुख्य उद्देश्य आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार का चयन करना था। यह चुनाव 9 सितंबर 2025 को होगा, जो जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद आवश्यक हो गया है। इस बैठक को भाजपा और उसके सहयोगी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।


दिल्ली में जुटे प्रमुख नेता

दिल्ली स्थित BJP मुख्यालय में जुटे बड़े नेता 
दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में सुबह से ही हलचल बढ़ गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और अन्य प्रमुख नेता जैसे इकबाल सिंह लालपुरिया, के. लक्ष्मण, सर्बानंद सोनोवाल, सुधा यादव और सत्यनारायण जाटिया बैठक में शामिल हुए। इन नेताओं की उपस्थिति ने बैठक के महत्व को और बढ़ा दिया।


मोदी और नड्डा का निर्णायक भूमिका

मोदी और नड्डा लेंगे अंतिम निर्णय...
सूत्रों के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए का उम्मीदवार कौन होगा, इसका निर्णय प्रधानमंत्री मोदी और जेपी नड्डा के नेतृत्व में लिया जाएगा। यह निर्णय सभी एनडीए घटक दलों की सहमति से होगा। हाल ही में हुई NDA की बैठक में यह संकेत पहले ही मिल चुका था कि चुनाव की रणनीति और उम्मीदवार चयन में मोदी और नड्डा की भूमिका प्रमुख रहेगी।


संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा

संभावित उम्मीदवारों की चर्चा, कई बड़े नाम रेस में
भाजपा और एनडीए के भीतर संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा जोरों पर है। जिन नामों की सबसे अधिक चर्चा हो रही है, उनमें बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना, आरएसएस विचारक शेषाद्री चारी, और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश शामिल हैं। भाजपा नेतृत्व इन नामों पर विचार करते समय राजनीतिक संतुलन, सामाजिक प्रतिनिधित्व, और संसद में समर्थन जैसे पहलुओं को ध्यान में रख रहा है।


NDA के पक्ष में मजबूत माहौल

संसद में NDA के पक्ष में माहौल
उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों द्वारा किया जाता है, और कुल 781 सांसदों में से जीत के लिए कम से कम 391 वोट आवश्यक होते हैं। एनडीए के पास इस समय 422 सांसदों का समर्थन है, जिससे यह लगभग तय माना जा रहा है कि एनडीए का प्रत्याशी भारी बहुमत से विजयी होगा। यह बहुमत भाजपा और सहयोगी दलों को एक बार फिर से भारत के संवैधानिक ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर देगा।


देश की नजरें चुनाव पर

घोषणा की प्रतीक्षा में देश
जैसे-जैसे उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, देश की निगाहें भाजपा नेतृत्व पर टिकी हुई हैं। यह संसदीय बोर्ड की बैठक केवल एक संगठनात्मक चर्चा नहीं, बल्कि एक रणनीतिक निर्णय का मंच बन चुकी है, जो अगले कुछ वर्षों के लिए देश के संवैधानिक संतुलन को आकार देने वाली है। भाजपा और एनडीए द्वारा चुना गया प्रत्याशी न केवल चुनाव जीतने में सक्षम होगा, बल्कि वह गठबंधन की विचारधारा और राजनीतिक लक्ष्य का भी प्रतिनिधित्व करेगा।