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BJP में नए अध्यक्ष की तलाश: क्या संघ और पार्टी के रिश्ते सुधरेंगे?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चाएँ तेज हो गई हैं। संघ और भाजपा के बीच तनावपूर्ण संबंधों में सुधार की कोशिशें चल रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने संघ की सराहना की है, जिससे दोनों संगठनों के बीच की दूरी कम होती दिख रही है। प्रमुख दावेदारों में शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी शामिल हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा किस चेहरे को अध्यक्ष बनाती है और यह तालमेल भविष्य की राजनीति को कैसे प्रभावित करेगा।
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BJP में नए अध्यक्ष की तलाश: क्या संघ और पार्टी के रिश्ते सुधरेंगे?

BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव की चर्चा

BJP National President Election : भारतीय जनता पार्टी (BJP) में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है। इसकी मुख्य वजह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच तनावपूर्ण संबंध माने जा रहे हैं। हाल के दिनों में दोनों पक्षों के बीच संबंधों को सामान्य करने के प्रयास देखे गए हैं। अब संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा किसी भी समय नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है।


तनाव और सुधार की कोशिशें

रिश्तों में तनाव और सुधार की कोशिश
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के बयान ने आरएसएस में असंतोष पैदा किया था। इस बयान में कहा गया था कि भाजपा को अब संघ की आवश्यकता नहीं है। यह बात आरएसएस को नागवार गुज़री, जिसका असर 2024 के चुनावों में भी देखने को मिला। भाजपा ने जहाँ 'अबकी बार 400 पार' का नारा दिया था, वहीं पार्टी केवल 240 सीटों पर सिमट गई।


RSS की भूमिका

RSS दुनिया का सबसे बड़ा NGO 
कहा जा रहा है कि इस चुनाव में संघ के कार्यकर्ताओं ने अनिच्छा से भाजपा का साथ दिया, जो संगठनात्मक ऊर्जा की कमी को दर्शाता है। हालांकि, अब स्थिति में बदलाव देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से दिए गए संबोधन में आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताते हुए उसकी प्रशंसा की थी। इसके बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी एक कार्यक्रम में स्पष्ट किया कि समाज सेवा और राजनीति में सेवा की कोई उम्र सीमा नहीं होती।


मोदी की उम्र और संघ का रुख

मोदी के 75 वर्ष पूरे होने पर उठे सवाल 
आरएसएस प्रमुख ने पहले कहा था कि 75 साल की उम्र में लोगों को रिटायर हो जाना चाहिए। यह बयान इसलिए चर्चा में आया क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी इसी साल 75 वर्ष के हो रहे हैं। हालाँकि, भागवत के नए बयान को एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।


संघ की सराहना

शाह और मोदी दोनों ने बढ़ाया संघ की ओर झुकाव
प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में संघ की सराहना की है। शाह ने कहा कि स्वयंसेवक होना गर्व की बात है और जब तक भारत फिर से महान नहीं बनता, तब तक हर स्वयंसेवक को सक्रिय रहना चाहिए। इन बयानों से यह संकेत मिलता है कि भाजपा और संघ के बीच की दूरी अब कम हो रही है।


अध्यक्ष पद की दौड़

अध्यक्ष पद की दौड़ में कौन-कौन?
भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अटकलें तेज हो गई हैं। प्रमुख नामों में शिवराज सिंह चौहान शामिल हैं, जो वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं। नितिन गडकरी का नाम भी चर्चा में है, हालांकि वे संघ के करीबी माने जाते हैं।

अंतिम फैसला किसी भी नाम को लेकर...
मनोहर लाल खट्टर और धर्मेंद्र प्रधान के नाम भी चर्चा में हैं। भाजपा अपने अप्रत्याशित निर्णयों के लिए जानी जाती है, इसलिए अंतिम फैसला किसी भी नाम पर हो सकता है।


भविष्य की राजनीति

नया अध्यक्ष और संघ-भाजपा का नया समीकरण
आरएसएस और भाजपा के बीच हालिया गर्माहट से यह स्पष्ट है कि दोनों संगठन आगामी राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनज़र एकता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी पारंपरिक चेहरा चुनती है या अप्रत्याशित नाम पर मुहर लगाती है। यह स्पष्ट है कि भाजपा अब संघ को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती और यह तालमेल भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा।