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Donald Trump का टैरिफ: क्या यह अमेरिका की शक्ति या सिर्फ प्रचार है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति का बचाव करते हुए कहा है कि इससे न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है, बल्कि यह वैश्विक शांति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने दावा किया कि यदि टैरिफ नहीं होते, तो चार बड़े युद्ध छिड़ सकते थे, विशेषकर भारत और पाकिस्तान के बीच। ट्रंप ने कहा कि उनकी नीति ने कई अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाने में मदद की है। जानें उनके दावों और रणनीतियों के पीछे की सच्चाई इस लेख में।
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Donald Trump का टैरिफ: क्या यह अमेरिका की शक्ति या सिर्फ प्रचार है?

टैरिफ का बचाव करते हुए ट्रंप का बयान

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को अपने टैरिफ लगाने के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि इस कदम ने न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, बल्कि वैश्विक शांति बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ट्रंप का दावा है कि यदि उन्होंने टैरिफ नहीं लगाए होते, तो चार बड़े युद्ध छिड़ सकते थे।


टैरिफ के बिना युद्ध की संभावना

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका अपनी टैरिफ नीति पर पुनर्विचार करेगा, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि टैरिफ अमेरिका की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि यदि उनके पास टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं होता, तो कम से कम चार युद्ध भड़क जाते। भारत और पाकिस्तान इसके लिए तैयार थे। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने आर्थिक दबाव की रणनीति के माध्यम से कई देशों को युद्ध से दूर रखा है। उनके अनुसार, टैरिफ नीति केवल आर्थिक नहीं, बल्कि कूटनीतिक उपकरण भी है, जिससे अमेरिका शांति रक्षक के रूप में उभरा है।


भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर ट्रंप का दृष्टिकोण

ट्रंप ने अपने बयान में विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि दोनों परमाणु शक्तियां युद्ध के कगार पर थीं, लेकिन अमेरिकी हस्तक्षेप ने स्थिति को संभाल लिया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन हमने इसे नियंत्रित किया। उनका दावा है कि टैरिफ और कूटनीतिक दबाव के संयोजन ने दक्षिण एशिया में स्थिरता लाने में मदद की। ट्रंप ने पहले भी कहा है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दोनों देशों के बीच संघर्ष को शांत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।


ट्रंप का वैश्विक विवादों में हस्तक्षेप

ट्रंप ने कहा कि उनके नेतृत्व में अमेरिका ने महज नौ महीनों में सात बड़े अंतरराष्ट्रीय संघर्षों का समाधान किया। उन्होंने कहा कि जब से हमने प्रशासन संभाला है, मैंने सात युद्धों को रोका है। इनमें से एक सबसे बड़ा भारत और पाकिस्तान के बीच था। इसके अलावा, उन्होंने मध्य पूर्व में गाजा शांति समझौते और हमास पर दबाव की चर्चा की। ट्रंप ने कहा कि सभी अरब और मुस्लिम देश इजराइल के साथ समझौते के लिए तैयार हो गए हैं, और अब सिर्फ हमास को इसे स्वीकार करना है।


हमास और रूस-यूक्रेन पर ट्रंप का सख्त रुख

ट्रंप ने कहा कि मध्य पूर्व में जल्द ही एक बड़ा समझौता हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमास को मानना ही होगा। अगर वे नहीं मानते, तो उनके लिए हालात मुश्किल होंगे। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर वे राष्ट्रपति होते, तो यह संघर्ष कभी नहीं होता। उन्होंने कहा कि अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो रूस-यूक्रेन युद्ध नहीं होता। मैंने पुतिन को बहुत अच्छी तरह जाना है, और यह मामला आसानी से सुलझ सकता था।


टैरिफ नीति को कूटनीति का नया हथियार बताया

ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति को एक आर्थिक हथियार के बजाय एक राजनयिक उपकरण के रूप में प्रस्तुत किया। उनका मानना है कि व्यापारिक दबाव और आर्थिक नीतियों के माध्यम से अमेरिका ने दुनिया के कई हिस्सों में तनाव को कम किया है।

विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप की यह रणनीति आर्थिक राष्ट्रवाद और वैश्विक प्रभाव दोनों को साथ लेकर चलती है। हालांकि आलोचक इसे राजनीतिक प्रचार बताते हैं और कहते हैं कि टैरिफ नीति से कई देशों के साथ अमेरिका के व्यापारिक संबंध कमजोर हुए हैं।