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Donald Trump का भारत पर व्यापारिक टैरिफ पर कड़ा रुख: क्या है 'America First' नीति का नया चेहरा?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ व्यापारिक असमानता पर अपनी कड़ी राय व्यक्त की है। उन्होंने भारत पर लगाए गए टैरिफ को उचित ठहराते हुए कहा कि अमेरिका अब किसी भी देश के आर्थिक दोहरे मापदंडों को सहन नहीं करेगा। ट्रंप ने अमेरिका की वैश्विक शक्ति और 'America First' नीति के महत्व पर भी जोर दिया। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और भविष्य की संभावनाएं।
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Donald Trump का भारत पर व्यापारिक टैरिफ पर कड़ा रुख: क्या है 'America First' नीति का नया चेहरा?

टैरिफ और वैश्विक व्यापार पर ट्रंप की सख्त टिप्पणी

Donald Trump India Tariff News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से टैरिफ और वैश्विक व्यापार के मुद्दे पर अपनी कड़ी राय व्यक्त की है। 2 सितंबर को ओवल ऑफिस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, उन्होंने भारत के साथ व्यापारिक असमानता का उल्लेख करते हुए कहा कि अमेरिका को किसी भी देश के आर्थिक दोहरे मापदंडों को सहन नहीं करना चाहिए। ट्रंप ने कहा कि भारत लगातार अपने उत्पाद अमेरिका भेजता रहा, लेकिन जब अमेरिका ने व्यापार करने की कोशिश की, तो भारत ने भारी टैरिफ लगाकर बाधा उत्पन्न कर दी।


भारत का एकतरफा लाभ

ट्रंप ने भारत पर लगाए गए टैरिफ को उचित ठहराते हुए कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार में एकतरफा लाभ उठा रहा था। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिकी बाजार में अपने सामान भेजता रहा, जबकि अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर भारत ने लगभग 100 प्रतिशत तक शुल्क लगा रखा था, जो कि अनुचित और अस्वीकार्य है। ट्रंप ने इसे 'मूर्खता' करार देते हुए कहा कि अमेरिका अब ऐसे समझौतों को और अधिक समय तक बर्दाश्त नहीं करेगा।


अमेरिका की वैश्विक शक्ति

अपने संबोधन में ट्रंप ने अमेरिका की शक्ति और वैश्विक प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका दुनिया से पीछे हट जाए, तो कुछ भी नहीं बचेगा। उनके अनुसार, उन्होंने अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही अमेरिका को एक बड़ी शक्ति में बदल दिया था और कई अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को व्यापार और टैरिफ के माध्यम से रोका था। उनके मुताबिक, आर्थिक दबाव कूटनीति से भी अधिक प्रभावी हो सकता है।


टैरिफ का उद्देश्य

ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि टैरिफ केवल व्यापारिक उपकरण नहीं हैं, बल्कि यह अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और देश की नौकरियों की सुरक्षा का एक साधन हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई देश अमेरिका के साथ व्यापार में अनुचित व्यवहार करता है, तो उस पर टैरिफ लगाना आवश्यक हो जाता है। उनकी नीतियों का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों को सशक्त करना और घरेलू निर्माण को बढ़ावा देना है।


भारत और रूस के बीच तेल व्यापार पर नाराजगी

ट्रंप ने भारत के रूस के साथ बढ़ते तेल व्यापार पर भी अपनी असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब अमेरिका ने भारत से रूस से तेल खरीदने से बचने के लिए कहा था, तो भारत ने अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं किया। ट्रंप ने यह संकेत दिया कि रूस के साथ भारत के संबंधों को लेकर उनकी सरकार में नाराजगी थी, और यही कारण था कि भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए गए। उन्होंने इसे अमेरिका के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक बताया।


अमेरिका फर्स्ट नीति का पुनरुत्थान

डोनाल्ड ट्रंप के इस हालिया बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि यदि वे भविष्य में फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति और अधिक आक्रामक हो सकती है। भारत सहित अन्य देशों के साथ व्यापार में वे केवल वही शर्तें स्वीकार करेंगे जो अमेरिका के हित में हों। उनके अनुसार, आर्थिक शक्ति ही राजनीतिक शक्ति है और अमेरिका को इसका पूरी तरह से उपयोग करना चाहिए।