IndiGo की उड़ानों में भारी रद्दीकरण: नए नियमों से बढ़ी चुनौतियाँ
IndiGo का ऑपरेशनल संकट
नई दिल्ली: देश की प्रमुख किफायती एयरलाइन IndiGo वर्तमान में गंभीर ऑपरेशनल समस्याओं का सामना कर रही है। नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के लागू होने के बाद, पायलटों की तैनाती और उड़ानों की योजना बनाना कंपनी के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस कारण से, बुधवार को IndiGo को 1000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा हुई।
नए नियमों का प्रभाव
FDTL के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, पायलटों के कार्य समय और आराम के समय में बदलाव किया गया है। इसके चलते उड़ानों की योजना और क्रू प्रबंधन अधिक जटिल हो गया है। कई स्थानों पर पायलटों की अनुपलब्धता के कारण, कंपनी को अचानक बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
सीईओ का बयान
IndiGo के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इस ऑपरेशनल संकट पर पहली बार औपचारिक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्वीकार किया कि हाल के दिनों में कंपनी का संचालन प्रभावित हुआ है, विशेषकर 5 दिसंबर को। उनके अनुसार, आज सबसे अधिक उड़ानें रद्द की गई हैं क्योंकि पूरे सिस्टम को रीबूट किया जा रहा है ताकि भविष्य में संचालन सुचारु हो सके।
एल्बर्स ने यात्रियों से अनुरोध किया कि जिनकी उड़ानें रद्द हुई हैं, वे एयरपोर्ट न आएं। कंपनी उन्हें लगातार अपडेट दे रही है और स्थिति को सामान्य करने के प्रयास जारी हैं।
सुधार की उम्मीद
सीईओ ने आश्वासन दिया कि IndiGo अपने नेटवर्क को व्यवस्थित करने में जुटी हुई है। उनका कहना है कि "10 से 15 दिसंबर के बीच कंपनी का संचालन फिर से सामान्य स्थिति में लौट आएगा।"
यात्रियों से माफी
उड़ानों की बड़ी संख्या में रद्दीकरण के कारण यात्रियों को हो रही परेशानियों पर एल्बर्स ने खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति अस्थायी है और कंपनी जल्द ही विश्वसनीय और नियमित सेवाओं के साथ वापस लौटेगी। देशभर में IndiGo की उड़ानों पर लाखों यात्रियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हालात सुधरेंगे और उनकी यात्रा योजनाओं पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
