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Kejriwal की चुनौती: क्या PM मोदी अमेरिका के आयात पर 75% टैरिफ लगाएंगे?

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका से आयात पर 75 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चुनौती दी है। उन्होंने गुजरात के किसानों की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों से किसान कर्ज के बोझ तले दब रहे हैं। केजरीवाल ने मांग की है कि मोदी जी को अमेरिकी कपास आयात पर 11 प्रतिशत शुल्क फिर से लागू करना चाहिए। क्या मोदी इस चुनौती को स्वीकार करेंगे? जानें पूरी कहानी में।
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Kejriwal की चुनौती: क्या PM मोदी अमेरिका के आयात पर 75% टैरिफ लगाएंगे?

Kejriwal की सीधी चुनौती

अरविंद केजरीवाल: आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी है कि वे अमेरिकी वस्तुओं पर 75 प्रतिशत टैरिफ लगाने का साहस दिखाएं। उन्होंने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देश आपके साथ है। अमेरिका ने भारत से आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, तो मोदी जी को भी अमेरिका से आने वाले सामान पर 75 प्रतिशत टैरिफ लगाना चाहिए। देश इस कदम को सहन करने के लिए तैयार है। अब देखना है कि क्या ट्रंप झुकते हैं या नहीं।


गुजरात के किसानों की स्थिति

केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी सरकार के उस निर्णय की आलोचना की, जिसमें अमेरिकी कपास आयात पर 11 प्रतिशत शुल्क से छूट दी गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे स्थानीय किसानों को नुकसान होगा और अमेरिकी किसानों को लाभ मिलेगा। उनका कहना है कि जब अमेरिका से कपास भारत आएगा, तो यहां के किसानों को 900 रुपये से कम कीमत मिलेगी। इस तरह, गुजरात के किसान गरीब होते जा रहे हैं।


किसानों की कर्ज की समस्या

आप नेता ने कहा कि अब किसानों के पास कपास बेचने का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने बताया कि किसान ने कर्ज लेकर बीज और उर्वरक खरीदे हैं, और अब वह कर्ज कैसे चुकाएगा? उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।


केंद्र सरकार पर आरोप

केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने झुक गई है। उन्होंने सवाल किया कि मोदी जी ने अमेरिकी टैरिफ का कड़ा जवाब क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया, तो मोदी जी को कपास पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाना चाहिए था।


किसानों के लिए मांगें

टैरिफ की मांगों के अलावा, केजरीवाल ने अमेरिकी कपास आयात पर 11 प्रतिशत शुल्क को फिर से लागू करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की स्थापना और भारतीय किसानों को वित्तीय सहायता देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि अमेरिकी टैरिफ ने न केवल कृषि क्षेत्र को प्रभावित किया है, बल्कि भारत में हीरा श्रमिकों को भी नुकसान पहुंचाया है।