Modi और Macron की बातचीत: द्विपक्षीय सहयोग और वैश्विक शांति पर चर्चा

मोदी और मैक्रों के बीच टेलीफोनिक वार्ता
मोदी और मैक्रों की बातचीत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ टेलीफोन पर संवाद किया। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति का मूल्यांकन किया और वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर बताया कि इस वार्ता में यूक्रेन संघर्ष के समाधान के प्रयासों पर भी गहन चर्चा हुई।
सकारात्मक बातचीत का महत्व
बातचीत का सकारात्मक पहलू
मोदी ने कहा कि उनकी मैक्रों के साथ बातचीत अत्यंत सकारात्मक रही। दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा करते हुए संतोष व्यक्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी। इस चर्चा में अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय चुनौतियों पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर फरवरी 2026 में भारत में होने वाले 'एआई इम्पैक्ट समिट' में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति मैक्रों का आभार व्यक्त किया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने संपर्क बनाए रखने और वैश्विक शांति के लिए मिलकर प्रयास करने पर सहमति जताई।
एक महीने में दूसरी बार उच्च-स्तरीय वार्ता
दूसरी बार उच्च-स्तरीय बातचीत
यह ध्यान देने योग्य है कि एक महीने के भीतर यह दूसरी बार है जब मोदी और मैक्रों के बीच उच्च-स्तरीय बातचीत हुई है। इससे पहले 21 अगस्त को भी दोनों नेताओं ने फोन पर चर्चा की थी, जिसमें यूक्रेन युद्ध और गाजा में इजरायल-हमास संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर बात की गई थी। भारत ने हमेशा यह कहा है कि यूक्रेन विवाद का समाधान संवाद और कूटनीति से ही संभव है। हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात में भी मोदी ने शांति बहाल करने पर जोर दिया था.
Had a very good conversation with President Macron. We reviewed and positively assessed the progress in bilateral cooperation in various areas. Exchanged views on international and regional issues, including efforts for bringing an early end to the conflict in Ukraine. The…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 6, 2025
फ्रांस की बैठक और रूस की चेतावनी
इस बीच, राष्ट्रपति मैक्रों ने हाल ही में पेरिस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेताओं से मुलाकात की। यह बैठक 'कोलिशन ऑफ द विलिंग' के तहत आयोजित की गई थी, जिसमें यूक्रेन में यूरोपीय सैन्य हस्तक्षेप की संभावनाओं पर चर्चा की गई। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया कि ऐसा कदम केवल अमेरिकी समर्थन के साथ ही संभव होगा, और अमेरिका ने अभी तक इस दिशा में कोई आश्वासन नहीं दिया है।
रूस की चेतावनी
रूस ने इस बैठक को लेकर चेतावनी दी है कि यूक्रेन में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस प्रकार, जहां भारत और फ्रांस शांति स्थापित करने के प्रयासों पर जोर दे रहे हैं, वहीं यूरोप और रूस के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है।