NATO का रक्षा बजट बढ़ाना: रूस के विदेश मंत्री की चेतावनी

NATO के रक्षा बजट में वृद्धि
NATO Military Budget Increament: उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के 32 सदस्य देशों ने अपने रक्षा बजट में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। हालांकि, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का कहना है कि नाटो का सैन्य बजट बढ़ाने का यह कदम उनके लिए विनाशकारी साबित हो सकता है और इससे गठबंधन के विघटन का खतरा बढ़ सकता है। लावरोव ने यह टिप्पणी CSTO देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद की। उन्होंने पोलैंड के विदेश मंत्री राडोसलाव सिकोरसकी की उस बात का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि रूस की सैन्य तैयारियां नाटो देशों पर हमले के लिए खुद उसके पतन का कारण बन सकती हैं। लावरोव ने यह भी कहा कि NATO का नया संकल्प, जो 2035 तक रक्षा खर्च को GDP का कम से कम 5% तक बढ़ाने का है, एक अस्थिर निर्णय है और इससे गठबंधन को नुकसान होगा।
ट्रंप का बजट बढ़ाने का दबाव
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाटो देशों पर रक्षा बजट बढ़ाने का दबाव डाला है। हाल ही में नाटो देशों की बैठक में उन्होंने कहा कि सभी सदस्य देशों को अपनी GDP का 5 प्रतिशत रक्षा क्षेत्र में खर्च करना चाहिए। उनके इस प्रस्ताव पर नाटो देशों ने सहमति जताई है। बैठक में यह भी तय किया गया कि यदि किसी नाटो देश पर हमला होता है, तो सभी देश मिलकर उसकी सहायता करेंगे। नाटो नेताओं ने कहा कि वे 2035 तक रक्षा क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे और हर साल GDP का 5 प्रतिशत रक्षा और सुरक्षा खर्च पर लगाएंगे।
भारत की वैश्विक स्थिति
इनक्रेड इक्विटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक रक्षा निर्यात बाजार में भारत की स्थिति का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। 2020 से 2024 के बीच भारत ने केवल 0.2 प्रतिशत हथियार निर्यात किए, जबकि 2019 से 2023 के बीच भारत की वैश्विक आयात में हिस्सेदारी 9.8 प्रतिशत थी। इस हिस्सेदारी के साथ, भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बना। भारत ने 41 देशों को हथियार निर्यात किए, जिसमें अमेरिका और फ्रांस जैसे बड़े देश भी शामिल हैं।