PM मोदी की सुरक्षा बैठकें: पाकिस्तान के खिलाफ नई रणनीति का खाका तैयार
प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा बैठकें
प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट बैठक: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने आतंकवादियों को कड़ा संदेश देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कदम उठाने की योजना बनाई है। दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कई महत्वपूर्ण बैठकें हो रही हैं, जिनमें पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव पर चर्चा की जा रही है। मंगलवार को उन्होंने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ एक बैठक की, और आज, बुधवार को CCS (कैबिनेट कमेटी ऑन सेक्योरिटी) और CCPA (कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स) की बैठकें आयोजित की गईं।
इन बैठकों के दौरान, देश की सुरक्षा और पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जाने वाले कदमों पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसके साथ ही, कैबिनेट की अन्य बैठकों में भी पाकिस्तान के खिलाफ भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की जा रही है।
पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की योजना
पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की योजना
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। इस हमले के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के प्रति अपनी रणनीति को और मजबूत किया है। 23 अप्रैल को हुई CCS की बैठक में पाकिस्तान से सिंधु जल समझौते को स्थगित करने, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने और पाकिस्तानी राजनयिक संबंधों में कटौती जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे.
सीसीएस और सीसीपीए की महत्वपूर्ण बैठकें
सीसीएस और सीसीपीए की महत्वपूर्ण बैठकें
प्रधानमंत्री मोदी ने आज CCS की बैठक की अध्यक्षता की, जो लगभग 20 मिनट तक चली। इसके बाद CCPA की बैठक हुई, जो पिछले कई वर्षों में पहली बार आयोजित की गई है। CCPA की बैठक में राजनीतिक और आर्थिक मामलों के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा पर भी चर्चा की गई। ये बैठकें उन नीतियों पर विचार करती हैं, जिनका देश की राजनीति और विदेश नीति पर प्रभाव पड़ता है.
केंद्रीय कैबिनेट और सचिवों के साथ समीक्षा बैठक
केंद्रीय कैबिनेट और सचिवों के साथ समीक्षा बैठक
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय कैबिनेट की भी बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय कैबिनेट के मंत्रियों से बुनियादी ढांचे की समीक्षा की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य हाल में हुए आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल को बेहतर बनाना और संबंधित अधिकारियों से दिशा-निर्देश प्राप्त करना था। सूत्रों के अनुसार, इन बैठकों का मुख्य फोकस पाकिस्तान से बढ़ते तनाव और देश की आंतरिक सुरक्षा पर था.